रूही शर्मा
धर्मशाला, अप्रैल 3: नौकरी की तलाश में इराक तो पहुंच गए लेकिन इन लाड़लों की घर वापसी ताबूतों में हुई। परिजनों को अपने जिगर के टुकड़ों के मुंह के भी दर्शन नहीं हो पाए क्योंकि ताबूतों को खोलने की इज़ाजत नहीं थी। चारों तरफ मातम था, अपने खोए हुए आंखे के तारों को पुकारती चीखें ही चीखें थीं।
नहीं कर पाए अंतिम दर्शन
इराक के मोसूल में मारे गए 4 युवकों का उनके पैतृक गांव में पूरे रीति रिवाज से अंतिम संस्कार किया गया। ताबूतों को खोलने की इजाजत नहीं थी, इसलिए ताबूतों के साथ ही अवशेषों का अंतिम संस्कार किया गया।
हर तरफ चीख पुकार गूंज रही थी। 4 साल के लंबे इंतजार के बाद जब उनके बेटे घर आए तो परिजन अपने बेटों का मुंह भी नहीं देख पाए। फतेहपुर के कस्बा धमेटा के इराक के मोसुल में मारे गए संदीप राणा का अंतिम संस्कार किया गया। संदीप के माता- पिता ने अपने बेटे को नम आंखों से अंतिम विदाई दी।
पुलकित और रूद्राक्ष को पापा का इंतजार
संदीप के परिजनों का कहना है कि अब उनकी बहू और छोटे-छोटे बच्चों पुलकित (10) रुद्राक्ष (6) का जीवन-यापन कैसे होगा। संदीप के नाबालिग बेटा-बेटी अभी भी टकटकी आंखों से पापा के आने का इंतजार कर रहे हैं।
लंज में इंदरजीत के घर उनके अवशेषों को पहुंचने के बाद पूरे परिवार व क्षेत्र में माहौल गमहीन हो गया। इंदरजीत का पूरे रीति रिवाज से अंतिम संस्कार किया गया। उसके भतीजे आयुष (8 साल) ने मुखाग्नि दी।
अमन की अंतिम यात्रा
पासु के अमन के अवशेषों के अंतिम संस्कार के समय सबकी आंखें नम थी। ताबूत को खोलने की इजाजत नहीं थी। इसलिए इसके साथ ही उनका अंतिम संस्कार किया गया। पूरा पासु क्षेत्र अमन के अंतिम संस्कार के समय गमगीन था। 4 साल के लंबे इंतजार के बाद परिजन अंतिम बार अमन का मुंह भी नहीं देख पाए। पूरे विधि विधान के साथ उसके अवेशष का अंतिम संस्कार किया गया।
8 साल के ध्रुव ने दी पिता को मुखाग्नि
सुंदरनगर के वॉयला के रहने वाले हेमराज का भी पूरे सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। मंगलवार सुबह उनके अवशेष पैतृक गांव पहुंचे थे। अवशेष को देखते ही गांव में आंसूओं का सैलाब उमड़ पड़ा। हेमराज का शव जिला प्रशासन द्वारा घर पर पहुंचाया गया था। इसके बाद पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई। चारों तरफ मातम और सन्नाटा पसरा हुआ था। हेमराज अपने पीछे एक बेटा, बेटी और पत्नी निर्मला देवी को छोड़ गए हैं।
हेमराज की उनकी पत्नी के साथ अंतिम बार 14 जून 2014 को बात हुई थी। उस वक्त हेमराज ने बताया था की उन्हें बंधक बनाया गया है और उनकी लात में चोट लगी है। जैसे ही हेमराज के पार्थिव अवशेषोॆ को लाया गया तो उनकी पत्नी निर्मला बेहोश हो गई।आठ साल के ध्रुव ने अपने पिता को मुखाग्नि दी। हेमराज के रिश्तेदार सरकार से उनकी पत्नी को अनुकंपा के अधार पर नौकरी देने के मांग कर रहे हैं।
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