शिमला।प्रदेश काडर के भारतीय पुलिस सेवा के सबसे वरिष्ठ अधिकारी 1990 बैच के आइपीएस अधिकारी श्याम भगत नेगी को प्रदेश की कांग्रेस की सुखविंदर सिंह सरकार ने एक महीने से भी ज्यादा समय से खाली बिठाया हुआ है।इतने वरिष्ठ आइपीएस की तैनाती न होना प्रदेश के मुख्यमंत्री जिनके पास गृह विभाग भी है को ही कटघरे में खड़ा कर दे रहा है।
उनके डेपुटेशन से लौटने पर समझा जा रहा था कि नेगी को डीजीपी के पद पर तैनाजी दी जाएगी। लेकिन अभी तक ऐसा हुआ नहीं हैं।
दिलचस्प ये है कि डीजीपी का कार्यभार डीजीपी विजीलेंस अशोक तिवारी के हवाले किया हुआ है और नेगी को बिना पोस्टिंग के बिठाया हुआ है। नेगी मौजूदा समय में सबसे वरिष्ठ आइपीएस अफसर है। जबकि तिवारी 1994 बैच के और अनुराग गर्ग 1993 बैच के आइपीएस अफसर है।
वरिष्ठता होने के बावजूद और डेपुटेशन से प्रदेश में बुलाने के बावजूदद नेगी को पोस्टिंग न देना कई सवाल खड़े कर रहा है।
याद रहे मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पहली बार मुख्यमंत्री बने है। वो पहले कभी मंत्री भी नहीं रहे। उनके पास प्रशासन चलाने का कोई अनुभव नहीं रहा है लेकिन अब तो उन्हें बतौर मुख्यमंत्री तीन साल का समां होने वाला है। बावजूद इसके वो फैसला नहीं ले पा रहे है।
ऐसा पहली बार नहीं है। अनुभव न होने की झलक वो पहले भी देश- दुनिया के सामने जगजाहिर कर चुके है जब राजेश धर्माणी और यदविंदर गोमा को मंत्री पद की शपथ दिला दी गई थी लेकिन सुक्खू ने उनको विभाग नहीं बांटे। लंबे अरसे के बाद इन दोनों को विभाग बांटे गए।
सुक्खू के ऐसे कारनामों को सूची बनाई जाए तो एक लंबी फेहरिस्त बन जाएगी जहां पर वो प्रशासनिक स्तर पर अजीबो-गरीब फैसलें लेते और मात खाते नज़र आते है।बहरहाल,नेगी की तैनाती को लेकर वो कब फैसला लेते है इसका इंतजार रहेगा।
याद रहे नेगी हिमाचल के किन्नौर जिला के निवासी है। श्याम भगत नेगी अगले साल सेवानिवृत होने है और वो डेपुटेशन से लौटने से पहले भारत सरकार में कैबिनेट सचिवालय में विशेष सचिव के पद पर तैनात थे।
केंद्र ने उन्हें जुलाई महीने में रिलीव कर हिमाचल सरकार के हवाले कर दिया था।लेकिन तैनाती अभी नहीं मिली हैं।
बहरहाल,सुक्खू सरकार के कारनामों पर नज़र बनाए रखे और मजे लेते रहें।
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