तपोवन/धर्मशाला। पति की पैंशन या करुणामूलक आधार पर बेटे को नौकरी मिल जाए इसके लिए मां बेटा मंत्रियों व नेताओं के दरबार पर हाजिरी फरमाने के लिए मजबूर हैं। मामला जिला कांगड़ा के गांव चूहाडपुर, डाकखाना चनौर तहसील इंदौरा के स्वर्गीय राम लाल के परिवार का है। राम लाल का 5 नवंबर 2015 को देहांत हो गया था। लेकिन तब से लेकर अब तक उनकी पत्नी को पैंशन नहीं मिली है और न ही बटे को रोजगार।
अपनी फरियाद लेकर स्वर्गीय राम लाल की पत्नि अपने बेटे गुलशन कुमार के साथ तपोवन में विधानसभ के दौरान मंत्री सुजानसिंह व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से मिलने पहंची। गुलशन कुमार ने रिपोर्टर्स आइ डॉट कॉम से कहा उनके पिता का देहांत 5 नवंबर 2015 को हो गया था। तब से लेकर उनकी मां को न तो कोई पैंशन मिली है और न ही घर के किसी सदस्य को नौकरी दी गई। नतीजतन परिवार का गुजारा बड़ी मुश्किल से चल रहा है।
गुलशन ने कहा कि वो मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह व कृषि मंत्री सुजानसिंह पठानिया से कई बार मिल चुके हैं। लेकिन दोनों की ओर से अब तक केवल आश्वासन ही मिल रहे हैं न पैंशन लगी और नहीं करुणामूलक आधर पर नौकरी ही मिली। आज भी हम अपनी फरियाद लेकर आएं हैं। अपनी दास्तां सुनाते हुए गुलशन की मां की आंखों से आंसू छलक आएं। उन्होंने कहा कि सरकार उनकी समस्या का हल नहीं कर पा रही है।गौरतलब हो कि स्व. रामलााल कृषि विभाग के मृदा संरक्षण विंग में नूरपूर में कार्यरत थे ।
मां बेटा अपने साथ विभाग के निदेशक की ओर से नौकरी देने के लिए मंजूर सरकार को भेजे पत्र को भी दिखाते हैं। ये रहा पत्र -:
गुलशन का कहना था की पिता जिस पद पर तैनात थे उस पर पर बहुत रिक्तताएं हैं व सवाल भी उठाते हैंं कि ऐसे में सरकार उन्हें नौकरी क्यों नहीं देती। वह कहते हैं कि परिवार का गुजारा पिता की कमाई से ही चलता था लेकिन अब परिवार मुश्किल में हैं।आखिरी आस मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह व मंत्री सुजान सिंह पठानिया से ही हैं। दोनों को उम्मीद हैं कि उनकी फरियाद सुनी ली जाएगी और जल्द से जल्द उन के दुख भरे दिन खत्म हो जाएंगे।
कंटेंट व फोटो: रूही शर्मा
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