शिमला। राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस के मौके पर हिम ऊर्जा की मुख्य कार्यकारी अधिकारी रूपाली ठाकुर ने कहा कि हिमऊर्जा की ओर से पिछले चार सालों में 1,80,300 लीटर प्रतिदिन क्षमता के सोलर वाटर हीटर स्थापित कर दिए हैं। इसके अलावा 28.90 मैगावाट क्षमता के ग्राऊंड मांऊटेड़ सोलर प्रोजेक्ट, 15126.95 किलोवाट क्षमता के ग्रिड़ से जुड़े सोलर पावर प्लांट भी स्थापित किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि 74,451 सौर गली रौशनियां भी स्थापित कर दी गई है, 19,497 सोलर लालटेन वितरित किए गए है।
यही नहीं चार वर्षों में 41.30 मैगावाट की 5 मैगावाट से कम क्षमता की 13 लघु जल विद्युत परियोजनाएं स्थापित की गई हैं । राज्य में 1815.50 किलोवाट क्षमता के ऑफ ग्रिड सौर उर्जा संयंत्र स्थापित किए गए 7,000 सोलर स्टडी लैम्प भी वितरित किए गए व 998 उन्नत चूल्हे भी उपभोक्ताओं को वितरित किए गए।
इसके अतिरिक्त 564 बाक्स सोलर कुकर और डिश सोलर कुकर वितरित किए गए। प्रदेश में 192 वर्गमीटर सोलर स्टीम कुकिंग सिस्टम स्थापित किए गए हैं।
ठाकुर ने कहा कि सरकार ने दुर्गम क्षे़त्र पांगी में सभी 2124 बी पी एल परिवारों को 250 वाट के ऑफ ग्रिड सोलर पावर प्लांट प्रदान किए गए व अन्य दुर्गम क्षे़त्र एवं जनजातीय क्षेत्रों में 250 वाट के ऑफ ग्रिड सोलर पावर प्लांट प्रदान करने का कार्य प्रगति पर है। घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 100 व 200 लीटर क्षमता के सोलर वाटर हीटिंग सिस्टम पर 30 फीसद उपदान प्रदान किया जा रहा है। 250 किलोवाट से 1 मैगावाट के ग्राउंड मांउंटेड सोलर प्रोजेक्ट लगने के बाद उसकी बाद दो हजार रुपए प्रति किलोवाट वितीय सहायता प्रदान की जा रही है।
इसके अलावा ग्रिड कनेक्टेड सोलर पावर प्लांट पर घरेलू उपभोक्ताओं के लिए चार हजार रुपए प्रति किलोवाट वितीय सहायता प्रदान की जा रही है। जबकि केंद्र सरकार की ओर से घरेलू उपभोक्ताओं के लिए तीन किलोवाट तक के ग्रिड कनेक्टेड सोलर पावर प्लांट पर 40 उपदान और 3से 10 किलोवाट तक 20 फीसद उपदान मुहैया कराया जा रहा है।
(14)