शिमला। शिमला को सतलुज से पानी लाने के लिए बनाई गई परियोजना में पूर्व की जय राम सरकार में घोटालेे का इल्जाम लग गया हैं। इस मामले में भ्रष्टाचार विरोधी मंच के संयोजक व पूर्व उप महापौर टिकेंद्र पंवर ने पूर्व मुख्यमंत्री , पूर्व मंत्री और तत्कालीन प्रधान सचिव शहरी विकास की भूमिका को लेकर अंगुली उठाई हैं।
इल्जाम लगाया गया है कि एक कंपनी को अरबों का ठेका दिलाने के लिए बार-बार शर्तें बदली गई हैं। नेताओं , नौकरशाहों और शिमला जल प्रबंधन निगम लिमिटेड के जिन चंद अधिकारियों ने पैसा बनाया हैं उनकी जांच होनी चाहिए। इस परियोजना की लागत 250 करोड से बढा कर पांच सौ करोड कर दी गई हैं। उन्होंने कुछ दिन पहले इस बावत मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को एक चिटठी भी लिखी थी लेकिन अभी तक इस चिटठी का सुक्खू से कोई जवाब नहीं आया हैं।
उन्होंने कहा कि शिमला में पानी के काम का जिम्मा नगर निगम के तहत होना चाहिए। अगर सरकार ने एसआइटी का गठन कर जांच नहीं की तो पंवर ने कहा कि सडकें तो खाली हैं हीं। यानी की वह जनता को साथ लेकर सडकों पर उतरेंगे या उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे।
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