शिमला।छठी बार प्रदेश के मुख्यमंत्री बने वीरभद्र सिंह की कांग्रेस सरकार के राज में लोकतंत्र के चौथे खंबे पर पुलिस ने हमला कर मुख्यमंत्री की प्रशासन पर कमजोर पकड़ का सबूत दे दिया है। पुलिस ने मीडियाा पर हमला बोला यहांं तक तो ठीक था लेकिन बजाय आरोपी पुलिस कर्मियों को सस्पेंड करने के मामले पर जांच बिठा दी। पुलिस की जांच पुलिस के सुपर्द। क्या रिजल्ट आएगा अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं हैं।चौथे खंबे पर खाकी हमले की गूंज आज राजभवन में राज्यपाल आचार्य देवव्रत से लेकर सचिवालय में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के अलावा शिमला के एसपी डीडब्ल्यू नेगी के कार्यालय तक गूंजी।
प्रेेस क्लब शिमला केबैनर तले राजधाानी के पत्रकारों ने आरोपी पुलिस अधिकारी व कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की। राजभवन में राज्यपाल आचार्य देवव्रत तो सचिवालय में सीएम वीरभद्र सिंह ने कार्रवाई का भरोसा दिया। जबकि एसपी शिमला डीडब्ल्यू नेगी ने डीएसपी अर्जित सेन ठाकुर को मामले की जांच केआदेश दिए।
मामला बीते रोज का है जब एंबुलेंस में आधा दर्जन के करीब पुलिस के जवान लक्कड़ बाजार चौकी के यंग प्रभारी सब इंस्पेक्टर नरेश ठाकुर की कमान में संजौली कालेज के बाहर रैलिंग पर बैठें छात्रोंं पर टूट पड़े। इटीवी के पत्रकार देवेंद्र हेटा ने इस करतूत को मोबाइल में कैद करना शुरू कर दिया।जब हेटा ये काम कर रहे थे तो सब इंस्पैक्टर को नजर हेटा पर पड़ी व वो उस पर टूट पड़े और उनका मोबाइल छीन लिया।इसके बाद करीब दोसौ मीेटर तक उसेआगे तक ले गए। इस बीच हेटा ने अपना पहचान पत्र भी दिखाया जिसे इस यंग इंस्पैक्टर ने फाड़ डाला। करीब आधा घंटें तक पत्रकार पर पूरी हनक उतारने के बाद मोबाइल वापस किया।
पिछले एक अरसे से प्रदेश ही नहीं देश में भी पत्रकारों पर हमले बढ़े हैं। सतापक्ष की शह पर सोशल मीडिया पर पत्रकारों को निशना बनाया जा रहा है।जबकि हिमाचल प्रदेश तो पुलिस राजधानी में ही हमला करने से गुरेज नहीं कर रहे है।
चौथेेखंबे पर हमले के अपने मायने होते हैं। शायद ये इससब इस्ंपैक्टर को मालूम नहीं है।पब्लिक के पैसे सेतनख्वाह लेने वाले इस सब इंस्पैक्टर को निश्चित तौर पर सही ट्रैनिंग नहीं मिली होगी। प्रदेश में ट्रैंनिंग की गुणवता में भाारी कमी आई है। पुलिस के इस तरह के रवैये ये साबित करने को काफी है।
इस सब इंस्पैक्टर के इस हरकत ने प्रदेश की पूरी पुलिस को ही कटघरे में खड़ा कर दिया है। जिस तरह दिल्ली पुलिस जनता के बीच मजाक बन कर रही गई है हिमाचल पुलिस भी उसी राह पर है।
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