शिमला। मुख्यमत्री वीरभद्र सिंह की ओर से धर्मशाला को विंटर राजधानी बनाने का एलान करने पर भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व केंंद्रीय मंत्री शांता कुमार और पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने वीरभद्र का मखौल उड़ाया हैं। पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने तो वीरभद्र को गपौड़शंख तक बता दिया। जबकि शांता कुमार ने यह कह कर मुख्यमंत्री का उपहास उड़ाया हैं कि दो महीने बाद वो ये घोषणा कर देंगे कि वो मंडी को तीसरी राजधानी बनाने जा रहे हैं।हालांकि वीरभद्र धूमल को नीचा दिखाने के लिए अपना सखा बताते आए हैं।
धूमल ने कहा कि वीरभद्र के एक राजधानी तो संभलती नहीं हैं ,दूसरी राजधानी बनाने चले हैै।शिमला में बर्फ पड़ी नही कि मुख्यमंत्री निचले हिमाचल को दौड़ जाते हैं।
जिस दिन वीरभद्र सिंह ने धर्मशाला को राजधानी बनाने का एलान किया था उस दिन जारी विज्ञप्ति में राजधानी के मसले पर एक भी लफ्ज नहीं बोला था।
लेकिन दूसरेे दिन शांता कुमार ने वीरभद्र का मजाक उड़ा दिया हैं।यह शांता कुमार ने जान बूझकर किया या उनका सहज बयान था ये नहीं कहा जा सकता। क्योंकि धर्मशाला को राजधानी बनाने का विरोध करना राजनीतिक तौर पर भाजपा के लिए नुकसान दायक हो सकता हैं।चूंकि आगामी विधानसभा चुनावों में शांता कुमार का कुछ भी दांव पर नहीं लगा हैं जबकि धूमल व उनके परिवार का बहुत कुछ दांव पर है।बीजेपी में धूमल के विरोधी शांता कुमार ने ये भी कहा कि प्रदेश सरकार आकंठ भ्रष्टाचार में डूबी हैं।
बहरहाल अगर बीजेपी ये स्टैंड लेती हैं कि धर्मशाला को विंटर राजधानी नहीं बनाया जाना चाहिए तो कांगेस हमला करेगी कि ये तो निचले हिमाचल के विरोधी हैं।बेशक धर्मशाला को दूसरी राजधानी बनाने का फैसला बचकाना व जनता के संसाधनोंं का दुरुपयोग करना है लेकिन राजनीतिक स्तर पर ये कांग्रेस को फायदा पहुंचाने वाला साबित हो सकता हैं। आगामी चुनावों को देखते हुए सीटों का गुणा घटाव करने बाद ही घोषणा की गई हैं। ऐसे में धूमल समेत बीजेपी के सारे नेता इस एलान का नफा नुकसान समझते हैं।शांता कुमार न समझते हो ये नहीं माना जा सकता । पर ये हो सकता है कि उनका निशाना कहीं और हो।
ऐसे में शांता कुमार ने जो लाइन ली हैं वो भाजपा का संकट में डाल सकती हैं। जिला कांगड़ा से बीजेपी के टिकट पर जिसने भी चुनाव लड़ना हैं वो वहां राजधानी का विरोध सपने में भी नहींकर सकता। यही स्थिति उना व चंबा की भी हैं। इन तीन जिलों में विधायकों की 25 सीटें हैं।ऐसे में विरोध करना राजनीतिक गणना के हिसाब से बीजेपी के पक्ष में नहीं हैं।
बीजेपी नेताओं की प्रतिक्रिया व निचले हिमाचल से मिल रहे रिस्पांस को देखते हुए धर्मशाला को दूसरी राजधानी बनाने के लिए पूरी की जाने वाली सभी कानूनी प्रक्रिया को पूरी करने को हरी झंडी दे दी हैं।
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