शिमला। वामपंथी छात्र संगठन एसएफआइ की राज्य कमेटी ने हिमाचल प्रदेश के केंद्रीय विश्वविद्यालय कांगड़ा में आरएसएस प्रचारक की वैदिक गणित विषय के प्रोफेसर पद पर हुई भर्ती की कड़े शब्दों में निंदा की है।
एसएफआइ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल ठाकुर और राज्य सचिव दिनित देंटा ने दावा किया है कि हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय योजना के तहत एक आरएसएस प्रचारक को वैदिक गणित के प्रोफेसर के रूप में नियुक्त किया गया है।
याद रहे केंद्र सरकार की राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास पाठ्यक्रम में सरकार के स्व नियुक्त सलाहकार ने सिफारिशों को लागू करते हुए कहा कि स्कूल और उच्च शिक्षण संस्थानो में भी वैदिक गणित पढ़ाया जाना चाहिए। इस राष्टीय योजना के तहत आरएसएस प्रचारक की नियुक्ति प्रोफेसर पद पर की गई है।
ठाकुर और देंटा ने इल्जाम लगाया कि केंद्र सरकार की ओर से नई शिक्षा नीति के नाम पर केंद्रीय विश्वविद्यालय व राज्य विश्वविद्यालय जैसी स्वायत्तता संस्थाओं की भगवाकरण करने की मुहिम चलाई जा रही है जिसके तहत आरएसएस व उससे जुड़े विचारधारा के लोगों को तमाम योग्यताओं व नियमों को दरकिनार कर विश्विद्यालयों में अलग-अलग पदों पर भरा जा रहा है।
इन दोनों छात्र नेताओं ने कहा कि प्रदेश में शैक्षणिक भ्रष्टाचार का ये पहला मामला नहीं है इससे पहले हिमाचल प्रदेश विश्विद्यालय शिमला में हुई प्रोफेसरों की भर्तियां में भी बेहताशा भ्रष्टचार देखने को मिला।तमाम योग्यता और नियमों को ताक पर रख कर प्रदेश की पूर्व भाजपा सरकार ने आरएसएस से संबंधित लोगों को नियुक्त किया।इसके अलावा गैर शिक्षक कर्मियों में भी अपने चहेतों को भरने का काम किया गया।
वामपंथी छात्र संगठन के इन नेताओं ने दावा किया कि भाजपा द्वारा शिक्षा क्षेत्र में हो रहे इसी भ्रष्टाचार व भगवाकरण के चलते शिक्षा का स्तर लगातर गिर रहा है। इसी के चलते योग्य शिक्षित युवा जो पुस्तकालयों में दिन-रात तैयारी कर रहे हैं और विज्ञापन के लिए लंबे समय से प्रतीक्षा कर रहे हैं उन्हें रोजगार नहीं मिल पा रहा है।
उन्होंने कहा कि एसएफआई आरएसएस प्रचारक भर्ती को वापस लेने की पुरजोर मांग करती है ये भर्ती प्रक्रिया के खिलाफ व युवाओं के समान अवसर के मौलिक अधिकार का हनन है व इसे रद्द किया जाना चाहिए।
एसएफआइ ने प्रदेश कांग्रेस की सुक्खू सरकार से भी मांग की है कि वो भी इस तरह की भ्रष्ट नियुक्ति पर अपनी चुप्पी तोड़े व व भर्तियों में धांधलियों पर आवाज उठाए।
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