शिमला।जूनियर आईएएस वी सी फारका को चीफ सेक्रेटरी बना देने के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के फैसले से आहत सीनियर आईएएस अफसर विनीत चौधरी व उनकी बीवी आईएएस अफसर उपमा चौधरी आज डयूटी पर नहीं गए। दोनों आईएएस अफसर आज छुटटी पर रहे। बताते है कि इन दोनों नेे छुटटी की चिटठी में ‘प्रोटेसट में छुुटटी’ पर लिखा है।
फारका के चीफ सेक्रेटरी बनने से अपमानित महसूस कर रहे विनीत चौधरी व उपमा चौधरी आज राजधानी में रिज पर स्थित आशियाना में मौजूदा समय में सबसे सीनियर 1982 बैच के आईएएस अफसर दीपक सानन के साथ आगामी रणनीति तैयार करते रहे सचिवालय सूत्रों की माने तो फारका व सानन के बीच दोस्ताना रिश्ते है। उधर, इन सबमें से जूनियर आईएएस अफसर व प्रदेश के चीफ सेक्रेटरी बने वीसी फारका ने आज चीफ सेक्रेटरी का कार्यभार संभाल लिया।
विनीत चौधरी व उपमा चौधरी के आज से छुटटी पर चले जानेसे ये आईएएस अफसर क्या विद्रोह कर पाएंगे ये सवाल खड़ा हो गया हे। कहा जा रहा है कि ये चौधरी दपंति संभवत: फारका को रिपोर्ट नहीं करेंंग। उधर, चीफ सेके्रटरी फारका से करीबी सूत्रों की माने तो अगर इन दोनों अफसरों को नौकरी करनी होगी तो फारका की जूनियरशिप को मानना होगा। चूंकि फारका पूर्व चीफ सेक्रेटरी पी मित्रा नहीं है, वो कार्रवाई करेंगें।
विश्लेषकों की माने तो अगर फारका की तैनाती पर सीनियर आईएएस अफसरों के बीच तलवारें खींचीं तो मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के लिए कई मुश्किलें खड़ी हो जाएंगी। फारका कैंप का एक धड़ा चाहता है कि चौधरी दपंति मोदी सरकार में कहीं प्रतिनियुक्ति पर चले जाएं।
उधर ,ये भी कहा जा रहा है कि फारका की तैनाती से संबंधित सारी जानकारियोंं को आरटीआई के तहत मांग लिया है।उधर,रिटायर अफसर टी जी नेगी के मुख्यमंत्री क प्रधाननिजी सचिव बनाए जाने को लेकर भी कानूनी तौर पर मंथन शुरू हो गया है। कहा जा रहा है कि टी जी नेगी फाइलों पर नोटिंग आदि कैसे लिख पाएंगे । इसके अलावा भी कई कानूनी पहलू है जिनकी पड़ताल की जा रही है।
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