शिमला।वित विधेयक के दौरान सदन से गैर हाजिर रह कर सुक्खू सरकार गिराने की कोशिश करने वाले अयोग्य ठहराए गए कांग्रेस के छह विधायकों को सुप्रीम कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा स्पीकर कुलदीप पठानिया के इन विधायकों की विधानसभा सदस्यता को रदद करने के फैसले पर रेाक लगाने से इंकार कर दिया हैं। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने इन छह विधानसभा सीटों पर घोषित चुनावों पर भी रोक लगाने से इंकार कर दिया हैं।
जस्टिस संजीव खन्ना की तीन सदस्यीय पीठ ने इन छह विधायकों की याचिका पर विधानसभा स्पीकर और विधानसभा सचिवालय को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा हैं। इसके बाद एक स अब मामले की सुनवाई छह मई के लिए स्थगित हो गई हैं। इसके अलावा एक सप्ताह में रिज्वाइंडर दायर करने और स्पीकर व विधानसभा सचिवालय की ओर से जवाब भी दायर किया जा सकता हैं।
सुनवाई के दौरान इन विधायकों की ओर से कहा गया कि स्पीकर का फैसला गलत मंशा से पारित हुआ हैं। इस पर पीठ ने कहा कि इस अन्यथा भी तो हो सकता हैं।
इससे पहले वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि चुनाव की अधिसूचना जारी हो चुकी है और अब चुनावों पर रोक नहीं लगाई जा सकती।
इन विधायकों की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कहा कि इनकी सीटों पर चुनाव हो रहे हैं। अदालत ने कहा कि वो इस बावत पड़ताल करेंगे। हरीश साल्वे ने कहा कि सात मई से चुनावों की प्रक्रिया शुरू होनी हैं। इस पर पीठ ने कहा कि वह इस मामले को उससे पहले निपटाने की कोशिश करेंगे। पीठ ने कहा कि अमूमन अदालत की ओर से नोटिस जारी करने के बाद चुनाव आयोग इस प्रक्रिया को टाल सकता हैं।
अदालत ने इन विधायकों को विधानसभा की कार्यवाही में शामिल होने की इजाजत भी नहीं दी और ये विधानसभा के सत्र के दौरान मतदान भी नहीं कर सकेंगे।
इन विधायकों की ओर से वकील हरीश साल्वे ने कहा कि 15 फरवरी को जारी व्हीप का उल्लंघन करने पर इन्हें अयोग्य ठहराया गया हैं लेकिन व्हीप को लेकर सवाल है । ये व्हीप विधायकों को कभी मिला ही नहीं । इसके अलावा इन्हें 27 फरवरी को कहा गया कि वो 28 फरवरी को स्पीकर के सामने हाजिर हो। ये हाजिर भी हुए व इन्होंने कहा कि इनके पास तो इनके खिलाफ दायर याचिका की प्रति तक नहीं हैं।
मामले की सुनवाई जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने की।
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