शिमला। हिमाचल पावर कारपोरेशन के तत्कालीन चीफ इंजीनियर विमल नेगी की मौत मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पावर कारपोरेशन के आरोपी व निलंबित निदेशक इलेक्ट्रिक्ल देशराज की अंतरिम जमानत 21 अगस्त तक बढ़ा दी है। जस्टिस अहसनुददीन अमानुल्लाह और जस्टिस एसवीएन भटटी की खंडपीठ ने देशराज को जांच में सहयोग करने के आदेश दिए हैं। जानकारी के मुताबिक सीबीआइ ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि देशराज जांच में सहयोग नहीं कर रहा हैं। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने देशराज की जमानत रदद नहीं की।
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआइ और दिवंगत विमल नेगी की पत्नी किरण नेगी को भी पार्टी बना दिया व उनके वकीलों को अलग से अपने हलफनामे दायर करने की इजाजत दे दी है।
सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ने मामले की अगली सुनवाई 21 अगस्त को निर्धारित की है। तब तक देखना है कि सीबीआइ इस मामले में क्या कर पाती है।
याद रहे इस मामले में सीबीआइ अभी तक एक भी आरोपी की कस्टडी लेने में कामयाब नहीं हुई हैं। देशराज को सुप्रीम कोर्ट तो अन्य आरोपी व आइएएस आधिकारी व पावर कारपोरेशन के तत्कालीन एमडी हरिकेष मीणा को प्रदेश हाईकोर्ट से अंतरिम राहत मिली हुई हैं। सीबीआइ इस मामले में अब तक किसी को भी अरेस्ट नहीं कर पाई है।
सीबीआइ ने किस से क्या पूछ ताछ की हैऔर पूछताछ में उसे क्या पता चल पाया है ये किसी को मालूम नहीं है ।
भ्रष्टाचार के बिंदुओं पर सीबीआइ कितनी आगे बढ़ी है ये भी अभी साफ नहीं हुआ है और एफआइआर में इस बावत कोई नई धाराएं जोड़ी गई है ये भी कहीं खुलासा नहीं हुआ है। भाजपा के मार्फत भी नहीं हुआ हैं। बहरहाल अब इस मामले में सीबीआइ के हरेक कदम पर नजर लगी हुई हैं।
SC Order:सौजन्य मोहन वर्मा
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