शिमला। प्रदेश विवि के समीप पॉटरहिल में आरएसएस की शाखा लगाने और क्रिकेट खेलने को लेकर हुए विवाद आरएसएस के स्वयं सेवकों, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्रों और वामपंथी छात्र संगठन एसएफआइ के बीच खूनी झड़प हो गई। इस झड़प में डेढ दर्जन के करीब एसएफआइ, एबीवीपी के छात्र व आरएसएस स्वयं सेवक घायल हुए है।जिन्हें इंदिरा गांधी मेडिकल अस्पताल और रिपन अस्पताल में भर्ती कराया गया हैं। प्रदेश में यह पहला मामला है जहां पर छात्रों गुटों के बीच की झड़प में आरएसएस का नाम आया है।
खूनी झड़प हो जाने के बाद विवि परिसर में स्थिति तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में हैं। पुलिस ने अखिल भारतीय परिषद के छात्र मनमोहन की शिकायत पर पुलिस ने एसएफआइ के छात्रों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 452,341,323,147,148,149,506 और पीडीपी की धारा 3 के तहत मामला दर्ज किया है जबकि एसएफआइ के छात्र विकास राणा की शिकायत पर आरएसएस के स्वयं सेवकों और विद्यार्थी परिषद के छात्रों के खिलाफ धारा 341,323,147,148 व 149 के तहत मामला दर्ज हुआ है।
एसपी ओमापति जम्वाल ने कहा कि दोनों गुटों 17 लोग घायल हुए है और आरोपियों को पकड़ने के लिए हास्टलों में छापेमारी की जा रही है। पुलिस व प्रशासन ने आज सुबह भी छात्रावासों में छापेमारी की। जिला प्रशासन व विवि प्रशासन ने भी दोनों गुटों के साथ बातचीत की।
इंदिरा गंाधी मेडिकल अस्पताल में नौ छात्रों को डाक्टरों ने निगरानी में रखा है। डाक्टर राहुल गुप्ता के मुताबिक सब खतरे से बाहर है। चार छात्रों के सिटी स्कैन कराया गया है। सब कुछ सामान्य है।
लोकसभा चुनावों के बीच हुई झड़प को लेकर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से लेकर शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज और एसएफआइ व भारत की नौजवान सभा आमने सामने आ गई है। नौजवान सभा के संयोजक चंद्रकांत वर्मा ने कहा कि इस मामले जड़ में विवि प्रशासन की ओर से आउटसोर्स पर की भर्तियां है। विवि प्रशासन ने आउटसोर्स पर भर्ती करने के लिए टेंडर मंगवाए थे व भर्ती का ठेका किसी कारपोरेट नामक कंपनी को दे भी दिया गया था लेकिन शिखा मंत्री ने इस रदद कर दिया और उतम हिमाचल कंपनी जो कि शिक्षा मंत्री का कोई करीबी है उसको यह सिंगल टेंडर पर ठेका दे दिया।
इसका एसएफआइ ने विरोध किया।परिणाम शाखा में 18 प्रोग्रामर की भार्तियां आउटसोर्स पर की गई है। उनका इल्जाम है कि सभी लोग भाजपा व आरएसस से जुड़े है।ऐसे में छात्रों के रिजल्ट के साथ क्या होगा,उन्हें पता नहीं हैं। एसएफआइ आवाज न उठाए इसलिए इस तरह की साजिश की। पॉटरहिल में कुछ दिनों से आरएसएस ने शाखाएं लगानी शुरू की। शहर से आरएसएस के लोग गाडियों से यहां पहुंच रहे है।अब तक यहां कभी भी शाखाएं नहीं लगती थी। यहां ग्राउंड में छात्र खेलते थे। तीन चार दिन पहले छात्रों ने इन्हें यहां शाखा लगाने को मना किया । यह लोग यहां से कुछ आगे चले गए। मामला खत्म हो गया। लेकिन आज सुबह ये लोग सुबह उसी ग्राउंड पर आ गए। इनके साथ परिषद के छात्र भी थे । यहां पर क्रिकेट खेल रहे छात्रों को ओर इंगित कर परिषद के छात्र ने आरएसएस के लोगों से कहा कि यही है जो शाखा लगाने का विरोध करते हे। वर्मा का इल्जाम है कि इस पर आरएसएस के स्वयं सेवक ने कहा कि हम इन जैसे देशद्रोहियों को सबक सिखने के लिए ही तो डंडा चलाना सीख रहे है। इस पर दोनों गुटों में बहस हो गया ओर स्वयं सेवकों ने इन छात्रों को पीट दिया। इसके बाद इन्हें छात्रावासों की की ओर वापस शहर की ओर जाना था यहां पर छात्रों ने इन्हें घेर लिया व यहां पर दो गुटों में झड़प हो गई।
उधर, विद्याथी परिषद के परिसर उपाध्यक्ष अश्वनी ठाकुर ने कहा कि यहां पर आरएसएस की शाखा लगाई जा रही थी। इसका तीन चार दिन पहले एसएफआइ ने विरोध किया तो शाखा का स्थान बदल कर पास ही तालाब के पास कर दिया गया । आज सुबह जब शाखा लगाई जा रही थी और भारत माता की जय और वंदे मातरम का उदघोष हुआ तो एसएफआइ के लोग दराटों व तलवारों को लेकर आए व उन पर हमला कर दिया। उन्होंने दावा किया की उनके चार सहयोगियों की स्थिति खराब है। अश्वनी ने कहा कि आउटसोर्स भर्तियों का विरोध तो विद्यार्थी परिषद भी कर रही है। एसएफआइ ने जब विरोध किया तो विवि प्रशासन ने एससीए कक्ष जो एसएफआइ के कब्जे में हैं वहां पर छापेमारी की गई। उसके बाद विवि के कुलपति और एसएफआइ के बीच डील हो गई । विवि एससीए कक्ष ने छीनेगा और ये आउटसोर्स का मुददा नहीं उठाएंगे । तब से लेकर अब तक एसएफआइ उस मुददे पर खामोश है। अश्वनी ने दावा किया कि एसएफआइ हथियार इसी कक्ष में रखती है।
उधर एसएफआइ व नौजवान स भा ने शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज की ओर इंदिरा गांधी मेडिकल अस्पताल में ही जाकर परिषद के छात्रों का हालचाल जानने पर सवाल उठाया । उन्होंने कहा कि जिला अस्पताल रिपन में एसएफआइ के घायल छात्र पहले आ गए थे। उन्हें किसी ने नहीं देखा । सरकार की एकतरफा कार्रवाही कसो लेकर उन्होंने सड़कों पर उतरने की चेतावनी दी उन्होंने शिक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री के बयानों की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि जांच से पहले ही निष्कर्ष निकाल लिया है।
देवभूमि को पश्चिमी बंगाल नहीं बनने देंगे
लोकसभा चुनावों की तैयारियों को लेकर भाजयुमों व महिला मोर्चा की ओर से आयोजित काय्रक्रम के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि इस मामले को सरकार ने गंभीरता से लिया है और डीजीपी व एसपी से बातचीत कर दोषियों को कड़ी सजा देने के आदेश दिए है। उन्होंने कहा कि यह देवभूमि है और इसे पश्चिमी बंगाल नहीं बनने दिया जाएगा। सरकार इसे बर्दाश्त नहीं करेगी।
शिक्षा मंत्री का दावा बरसों से लगती थी शाखा
इंदिरा गांधी मेडिकल अस्पताल में जाने के बाद शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने दावा किया कि पॉटरहिल में आरएसएस की ऋाखा बरसों से लग रही है। इस पर आज किसी ने हमला कर दिया। उन्होंने दावा किया आठ स्वयं सेवकों को घायल कर दिया व हमला धारदार हथियारें से किया गया । ये शिमला व हिमाचल के लिए बुरी सिथति है। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ । छात्र गुटों के बीच झगड़े हुए है। उन्होंने कहा कि वामपंथी विचारधारा के लोगों ने किया। उन्होंने आगे जोड़ा कि पश्चिमी बंगाल में ये खत्म हो चके है। त्रिपुरा में भी समाप्त हो चुके है। केरल में भी ऐसी घटनांए करते रहते है। अब हिमाचल में ये इस तरह की शुरूआत कर रहे है। इससे पहले भी विवि में ऐसे जघन्य अपराध करते रहे है। हत्याएं हो चुकी है और इसमें वामपंथी संगठनों का हाथ रहा । आरएसएस पर ऐसा सुनियोजित हमला कभी नहीं हुआ।
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