नई दिल्ली।आईएएस अफसर दुर्गा नागपाल को उतर प्रदेश की अखिलेश यादव सरकार की ओर से रेत माफिया केखिलाफ मुहिम चलाने पर सस्पेंड कर देने से यूपी की ब्यूरोक्रेसी गुस्से में आ गई है। राज्य की आईएएस अफसरों की एसोसिएशन ने इस मसले पर चीफ सेक्रेटरी से मुलाकात कर अपनी नाराजगी जाहिर की है।
आईएएस अफसरों ने चीफ सेक्रेटरी से नोएडा की एसडीएम दुर्गा नागपाल की सस्पेंशन को रिवोक करने की मांग की है।
2009 बैच की आईएएस अफसर दुर्गा नागपाल ने शनिवार को नोएडा में सरकारी भूमि पर बन रही मस्जिद को गिराने के आदेश दिए थे। इसके बाद सरकार ने दुर्गा को सस्पेंड कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही आदेश दे रखे है कि सरकारी जमीन पर अतिक्रमण को तुरंत हटा दिया जाए। सीएम अखिलेश यादव ने कहा था कि इस तरह के आदेश सरकार सांप्रदायिक तनाव को रोकने के लिए लेती है।
लेकिन आईएएस एसोसिएशन ने सीएम के सांप्रदायिक तनाव के दावे को सिरे से खारिज कर दिया है। अफसरों का कहना है कि ऐसा को तनावनहीं है। अधिकारी को हटाने से पहले ग्राउंड रिपोर्ट ली जानी चाहिए थी। लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया।
अफसरों का दावा है कि 28 साल की इस महिला आईएएस अफसर को समाजवादी पार्टी के नेता नरेंद्र भाटी के कहने पर हटाया गयाहै। भाटी ने हाईकमान को रिपोर्ट भेजी थी कि दुर्गा की रेत माफिया के खिलाफ मुहिम पार्टी हित में नहीं है।
बतौर एसडीएम दुगा्रनागपाल ने पश्चिमी यूपी में यमुना और हिेडन नदी के किनारे रेत माफियाओं के कामकाज पर रोक लगा दी थी।तीन सौ के करीब ट्रालिया जब्त कर दी थी और डेढ दर्जन के करीब लोगोंको अरेसटकराया था। अफसरों का कहना है कि दुर्गा को इसी की सजा दी गई।
उधर ,आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने अखिलेश यादव सरकार को सलाह दीहै कि वो दुर्गा को सस्पेंड करने के बजाय स्पोर्ट करे। बीएसपी ,बीजेपी और कांग्रेस ने भी यूपी सरकार पर निशाना साधा है।
(0)