धर्मशाला । हिमाचल प्रदेश में बढ़ते मादक पदर्थों के जाल और सड़क दुर्घटनाओं के मामलों के प्रति जागरूकता लाने के लिए धर्मशाला महाविद्यालय के रेड रिबिन क्लब ने जागरूकता रैली का आयोजन किया । रैली का मकसद छात्रों और लोगों में सड़क सुरक्षा और ड्रग्स के हानिकारक परिणामों के प्रति सचेत करना था।
यह जगरुकता रैली कॉलेज परिसर से शुरू होकर वॉर मेमोरियल पर खत्म हुई। रैली के दौरान छात्रों ने सड़क सुरक्षा और नशा मुक्ति के ऊपर एक नुक्कड़ नाटक का भी आयोजन किया और आम जनता को इनसे जुड़े जोखिमों के बारे में अवगत करवाया।
कॉलेज के रेड रिबिन क्लब की समन्वयक अंजना खारवाल ने कहा कि छात्रों का इस मुहिम से जुड़ना बेहद सकारात्मक बात है। अगर आज का युवा इन कुरीतियों के खिलाफ अपनी आवाज़ बुलंद करेगा तो आम जनमानस तक इस संदेश का अधिक असर होगा और साथ ही अन्य युवाओं में भी नशीले और मादक पदार्थओं के सेवन एवं परिवाहन नियमों के पालन के प्रति सतर्कता आएगी। कार्यक्रम के दौरान रेड रिबिन क्लब की सदस्य प्रोफेसर रीता देवी, और प्रोफेसर पूजा दीवान भी मौजूद रहीं।
साल 2020 में प्रदेश में हुए 2235 सड़क हादसे
सरकारी आकड़ों के अनुसार हिमाचल में वर्ष 2020 में 2235 सड़क हादसे हुए । इन सड़क दुर्घटनाओं में सबसे ज्यादा 983 हादसे कार , जीप, और टेम्पो के दुर्घटनाग्रस्त होने के हुए हैं। दूसरे स्थान पर तीन पहिया और दुपहिया वाहनों से संबंधित हादसे है जिनकी संख्या 466 है। हिमाचल में साल 2020 में ट्रक और बसों के 329 हादसे हुए हैं।
ओवरटेकिंग और ओवर स्पीडिंग सड़क हादसों की मुख्य वजह
हिमाचल में सबसे ज्यादा हादसे ओवरटेकिंग की वजह से हुए हैं । इन हादसों के संख्या 463 है । दूसरे नंबर पर सड़क हादसों की वजह तय गति सीमा से अधिक पर गाड़ी चलाना रही है। इस कारण 281 दुर्घटनाएं हुई हैं। वही नशा करके वाहन चलाने के कारण 44 सड़क घटनाएं हुई।
सड़क हादसों में जान गवाने वालों में शिमला जिला नंबर एक और कांगड़ा नंबर दो पर
इन हादसों की वजह से शिमला जिले में सबसे ज़ायद, 157 लोगों की जान गई है और 616 लोग घायल हुए हैं। बात की जाए कांगड़ा जिले की तो सड़क दुर्घटनाओं में 121 मौतें हुई और 442 लोग जख्मी हुए । कांगड़ा जिला प्रदेश में सड़क हादसों में जान गवाने वाले लोगों की सूची में दूसरे स्थान पर है ।
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