शिमला। सुक्खू राज में रहस्यों में लिपटी पावर कारपोरेशन के दिवंगत चीफ इंजीनियर विमल नेगी की मौत की गुत्थी को सुलझाने के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा की ओर से की गई जांच की रपट को आज प्रदेश हाईकोर्ट में पब्लिक करने की मांग कर दी गई हैं। मामले की सुनवाई अब दोपहर बाद तक को स्थगित कर दिया गया हैं। समझा जा रहा है कि याचिकाकर्ता के साथ रपट को आज साझा कर दिया जाएगा।
विमल नेगी की पत्नी किरण नेगी की ओर से प्रदेश हाईकोर्ट में इस मामले की जांच सीबीआइ से कराने को लेकर याचिका दायर की हैं। आज सुबह इस मामले की सुनवाई न्यायमूबर्त अजय मोहन गोयल की अदालत में लगी और किरण नेगी की ओर से पैरवी करते हुए पूर्व महाधिवक्ता एडवोकेट आर के बावा ने अदालत से दरख्वास्त की कि याचिकाकर्ता को ओंकार शर्मा की जांच रपट मुहैया कराई जाए।
उन्होंने कहा कि न तो इस रपट को आरटीआइ के तहत साझा किया जा रहा है और न ही सरकार और पुलिस इसे साझा कर रही हैं। जबकि ये पब्लिक दस्तावेज हैं।
हालांकि इस बावत सरकार की ओर से कहा कि गया कि ये पब्लिक दस्तावेज हैं। कहा जा रहा है कि मौखिक तौर पर अदालत ने इस रपट की प्रति याचिका कर्ता को दोपहरबाद तक मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं। लेकिन इस बावत अभी तक पूरी तरह से पुष्टि नहीं हुई हैं।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा की रपट पर सरकार ने आगे क्या कार्यवाही अमल में लाई है, ये भी पब्लिक नहीं किया हैं। अब इस रपट के साझा होने से ही पता चलेगा कि इस रपट पर मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने क्या टिप्पणी की है रपट के बाद क्या-क्या हुआ है और ये रपट कहां-कहां घूम रही है ये भी तभी मालूम पड़ेगा।
याद रहे विमल नेगी जनजातीय न्याय मंच ने भी इस रपट को साझा करने की मांग की थी।
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