शिमला। प्रदेश सरकार ने पूर्व की वीरभद्र सिंह सरकार के कार्याकाल में लगाए गए पीटीए टीचरों की ग्रांट को 75 प्रतिशत से 90 प्रतिशत कर दिया है। जबकि विधायकों की एच्छिक निधि को भी दो लाख से चार लाख कर दिया है। विधायकों और पीटीए टीचरों के लिए इन तोहफों की घोषण मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने वीरवार को बजट पर चली लंबी चर्चा के बाद आज विधानसभा में की।
उन्होंने विधायक क्षेत्रीय निधि को भी 50 लाख से 75 लाख करने का एलान किया । बजट स्पीच में उन्होंने इसे 50 से 70 लाख किया था। साथ ही ये शर्त भी जोड़ी थी कि इसमें 20 लाख को सिंचाई योजना पर खर्चना होगा। सीएम ने भाजपा व बाकी विधायकों की मांग पर इस शर्त को भी हटा दिया। मुख्यमंत्री ने चर्चा के दौरान विपक्ष की ओर से उठाए गए हर मुददे का बिंदुवार जवाब दिया।
बजट चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष व बाकी विधायकों की ओर से केंद्र की मोदी सरकार की ओर से प्रदेश को बढ़ाई गई आर्थिक मदद पर धन्यवाद करने का आग्रह किया गयाद्य। चर्चा का जवाब देते हुए सीएम ने कहा कि मोदी सरकार ने जो बढ़ोतरी की है वो 14वें वितायोग की सिफारिशों पर हुई है। मोदी सरकार ने केंद्रीय प्रायोजित योजनाओं को मिलने वाले फंड के अलावा बाकी और कटातियां कर दी हे। अगर वो उेसा नहीं करते तो वो जरूर मोदी सरकार का धन्यवाद करते । उनहोंने उम्क्मीद जताई की मोदी सरकार इन कटौतियों को वापस लेगी और तब वो उनका धन्यवाद करेंगे। चर्चा पर जवाब दे देने के बाद नेता प्रतिपक्ष धूम ल ने कहा कि ये कटौतियों राज्य सरकारों की मांगबों पर हुई है ताकि वो अपने हिसाब से परियोजनाएं बना सके। लेकिन सीएम ने मोदी सरकार का धन्यवाद नहीं किया। उन्होंने चर्चा का जवाब देने के बाद दोबारा डिबेट करने पर जरूर सवाल उठा दिया और कहा कि ऐसा पहले कभी नहीं हुआ ।
उन्होंने चर्चा के दौरान विपक्ष की ओर से उठाए गए सारे संदेहों और मसलों को गलत करार दिय और कहा कि सरकार का कोई हिडन एजेंडा नहीं है।
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