शिमला। केंद्रीय स्टील मंत्री रहते हुए मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की ओर से किए गए कथित भ्रष्टाचार के मामलों की सीबीआई जांच मांग को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर हो गई है। याचिका की पैरवी मशहूर वकील प्रशांत भूषण कर रहे है।उन्होंने अदालत से आग्रह किया है कि वीरभद्र सिंह बतौर केंद्रीय स्टील मंत्री रहते हुए भ्रष्टाचार के कारनामों में शामिल रहे है। याचिका दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एन वी रमन्ना जस्टिस मनमोहन की खंडपीठ के सामने दायर की गई है ।याचिका 27 नवंबर को सुनवाई के लिए लगी है।
याचिका में अदालत से आग्रह किया गया है कि इस मामले में सीबीआई और आयकर विभाग को वीरभद्र सिंह के खिलाफ जांच करने के आदेश दिए जाए।
इस याचिका के दायर होने से वीरभद्र सिंह संकट में आ सकते है।
याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा है कि आयकर रिटर्न से लेकर चुनाव आयोग के समक्ष पेश किए गए शपथपत्र जैसे दस्तावेजों से लगता है कि बतौर केंद्रीय स्टील मंत्री रहते हुए उन्होंने कई संदेहास्पद लेन देन और बड़े निवेश किए है।
पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के छोटे बेटे अरुण धूमल ने जो वीरभद्र सिंह के खिलाफ दस्तावेज और बाकी आरोप लगाए थे उन सबका जिक्र भी इस याचिका में किया गया है।
याचिका में कहा गया है कि उन्होंने जनवरी महीने में मुख्य सतर्कता आयोग और सीबीआई को भी विस्तृत शिकायत की थी लेकिन इन दोनों एजेंसियों ने जांच करने की जहमत नहीं उठाई और न ही सरकार ने कुछ किया।
याचिका में आरोप लगाया गया है कि वीरभद्र सिंह ने मनी लांड्रिग,भ्रष्टाचार,आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपति एकत्रित करने और आपराधिक कृत्यों को अंजाम दिया है। इन सब मामलों की जांच होनी चाहिए थी। लेकिन कुछ नहीं किया गया जबकि उन्होंने दस्तावेजी शिकायत भेजी थी।
ये दस्तावेज एक अरसे से पब्लिक डोमेन पर है लेकिन फिर भी जांच को अमल में नहीं लाया गया।
प्रशांत भूषण ने इस जनहित याचिका में कहा गया है कि सरकार की ओर से व्यक्तिगत हित के लिए पद के दुरुपयोग के इस मामले की निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच नहीं कराने से देश में भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों को बढ़ावा मिल रहा है।
याचिका में कहा गया है वीरभद्र सिंह ने 2009 से 2012 तक आयकर रिटर्न में दर्शाई आय में कृषि आय को पहले लाखों में बताया लेकिन बाद में रिवाइज्ड रिटर्न भरने पर ये आय करोड़ों में हो गई।ये तीस गुणा ज्यादा बढ़ी बता दी गई। ये छह करोड़ रुपए से ज्यादा हो गई।इस मसले पर वीरभद्र सिंह का पक्ष जानने के लिए फोन करने पर उनके कार्यालय से कहा कि गया आप अपना नंबर दे दीजिए आपको मुख्यमंत्री कार्यालय से फोन किया जाएगा।
खुला अरुण धूमल के हमले का राज
इस जनहित याचिका ने पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के छोटे बेटे अरुण धूमल की ओर से वीरभद्र सिंह के खिलाफ बीते दिनों किए नियोजनबद्ध हमले का राज भी खोल दिया है। अरुण धूमल ने ये वीरभद्र सिंह, प्रतिभा सिंह व उनके परिवार के बैंक खातों और आयकर रिटर्न का खुलासा किया था। समझा जा रहा है कि ऐसा उन्होंने इसलिए किया ताकि मीडिया में सब कुछ सामने आ जाए और वह अदालत में जनहित याचिका के साथ लगे बाकी दस्तावेजों के साथ स्पोर्ट के लिए मीडिया रिपोर्ट को जोड़ा जा सके।
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