शिमला।सुक्खू सरकार में भी व्यवस्था परिवर्तन नहीं हो पाया है।जिला सोलन के रामशहर के जोबी गांव के बाबूराम की बेटी पूजा ने ससुराल वालों की ओर से कथित तौर पर तंग करने के इल्जामों के बाद सात मार्च 2024 को खुद को आग लगा ली लेकिन तब से लेकर उसकी मौत तक आरोपियों के खिलाफ क्या कार्यवाई सुक्खू सरकार की पुलिस ने की है इसे लेकर बेटी के पिता की ओर से सवाल उठाए जा रहे हैं।
पचास फीसद से ज्यादा जल चुकी पूजा की 11 अगस्त शनिवार की रात को पीजीआइ में चंडीगढ़ में मौत हो गई थी। लेकिन उसकी मौत हो जाने के बाद अर्की तहसील के गांव मंढेरना के पूजा के ससुराज वाले अंतिम संस्कार में भी शामिल नहीं हुए। इससे मामला संदेहास्पद हो गया हैं।
पूजा का चार साल का बेटा भी जो नाना के घर में हैं । जिस दिन पूजा ने खुद को आग लगाई उस दिन उसके पति से उसकी क्या बात हुई इसे लेकर जांच अधिकारी कुछ भी कहने से कतरा रहे हैं। पूजा के पिता का कहना है कि बातचीत होने के बाद ही उनकी बेटी शायद अवसाद में घिर गई और उसे आग लगने तक का भान नहीं हुआ।
पूजा के पिता बाबू राम ने कहा कि सात मार्च 2024 को उनकी बेटी उनके घर में रसोई में खाना बना रही थी। इस बीच उनके दामाद धर्मपाल का फोन आता है । दोनों के बीच बात होने के बाद पूजा को चूल्हें के पास ही आग लग जाती हैं और वह खुद को बचाने का प्रयास तक नहीं कर पाती। पूजा की मां जो दूसरे घर में पूजा के बेटे को लाने गई थी जब लौटी तो पूजा बहुत ज्यादा जल चुकी थी। इसके बाद पूजा को किसी तरह अस्पताल पहुंचाया और बाद में एम्स बिलासपुर से उसे पीजीआइ रेफर कर दिया। वह कितनी जल चुकी थी इसका सोशल मीडिया पर वीडियो भी वायरल हो रहा हैं।
इस बीच वो काफी ठीक भी हो गई।
बाबूराम का इल्जाम है कि पुलिस ने इस बीच पीजीआइ से लेकर जब वह घर आ गई थी ब्यान लेने की जहमत नहीं उठाई। इस बीच अगस्त महीने के शुरू में उसकी तबीयत दोबारा खराब हो गई तब अर्की पुलिस ने पांच अगस्त को अर्की की अदालत में पूजा के बयान कराए ।तब उसकी तबीयत खराब थी।बाबूराम का दावा है कि उन्होंने कई बार पुलिस को ब्यान कराने की गुहार लगाई। लेकिन बयान दर्ज नहीं हुए।
ये बयान अर्की पुलिस सात मार्च से लेकर पांच अगस्त से पहले क्यों नहीं कराए इस बावत अर्की पुलिस पूरी तरह से कटघरे में हैं। साफ है प्रदेश में गुडिया कांड हो जाने के बाद लग रहा था कि पुलिस महिलाओें के खिलाफ अपराधों को लेकर संजीदा हो गई हैं लेकिन इस मामले ने साफ कर दिया है कि सुक्खू सरकार में भी व्यवस्था परिवर्तन नहीं हो पाया हैं। वो भी तब जब अर्की से स्थानीय विधायक और सीपीएस संजय अवस्थी सरकार में एक ताकत हैं। उनके ही हलके की एक बेटी के साथ इस तरह का हादसा हो गया और कहीं कुछ नहीं हुआ। इसके क्या मायने लगाए जाए ये जनता को तय करना हैं।
11 अगस्त की रात को पूजा ने दम तोड़ दिया और पुलिस किसी भी आरोपी को अरेस्ट तक नहीं कर पाई और वो हाईकोर्ट से अंतरिम जमानत लेने में कामयाब हो गए।अब हाईकोर्ट में सभी आरोपियों की नियमित जमानत पर 20 अगस्त को सुनवाई होनी हैं।
उधर, डीएसपी दाड़ला संदीप कुमार का दावा है कि पुलिस ने पूरी तरह से जांच की है और अगर कोई भी फाइल देखना चाहे तो वो फाइल देख सकता हैं। लेकिन जब उनसे पूछा गया कि सात मार्च को पूजा ने खुद को आग लगा दी थी तो पांच अगस्त तक उसके बयान क्यों नहीं कराए। उन्होंने कहा कि दो बार पुलिस पीजीआइ गई। इसके अलावा जब वो कुछ ठीक होकर घर आ गई थी तो तब पुलिस उसके घर भी गई। उन्होंने दावा किया कि पुलिस ने बयान दर्ज किए हैं। लेकिन पूजा के पिता डीएसपी के दावों को सिरे से नकार देते है। पांच अगस्त को अदालत में जो ब्यान कराए गए है वो भी किन परिस्थितियों में कराए गए हैं इस बावत बाबू राम कहते है कि उनकी बेटी की तबीयत बेहद खराब थी।
डीएसपी संदीप कुमार से जब ये पूछा गया कि इस मामले में राजनीतिक दबाव की बात भी की जा रही है तो उन्होंने इसे सिरे से खारिज कर दिया। लेकिन गुडिया कांड के बाद भी ऐसे मामलों में पुलिस जांच ढिलमुल रहे ये बड़ा सवाल हैं। पुलिस ने इस मामले में धारा 498ए के बाद अब धारा 306 जोड़ी हैं।
पुलिस ने आरोपियों को क्यों नहीं पकड़ा इस बावत अर्की के एसएचओ लेखराज ने कहा कि वो तो अभी हाल ही में अर्की में तैनात हुए हैं। उन्होंने ही जांच को आगे बढ़ाया है।
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