शिमला।(7 दिसंबर2024) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से नौ दिसंबर को पानीपत में लांच की जानी वाली बीमा सखी योजना के तहत महिलाओं को सात हजार रुपए महीना देने के खातिर जो महीनावार टारगेट फिक्स किए गए है वो चौंकाने वाले है। इन सखियों के पहले तो टेस्ट लिए जाएंगे। टेस्ट पास होने के बाद इन्हें ट्रेनिंग दी जाएंगी।
पानीपत में लॉंच की जाने वाली इस स्कीम के मौके पर भीड़ जुटाने के लिए पंजाब ,हरियाणा, हिमाचल जैसे राज्यों से एलआईसी के अधिकारियों और कर्मचारियों को मौखिक तौर पर फरमान जारी किए गए है। अब ये अधिकारी और कर्मचारी पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और हिमाचल से बसें भर भरकर ले जाने की तैयारियों में जुटें हुए हैं। ये सब पालिसी धारकों के पैसे के दम पर किया जा रहा है। जबकि कार्यक्रम प्रधानमंत्री का है। कहा जा रहा है कि जब आनलाइन सब कुछ लॉंच किया जा सकता है तो फिर इस तरह से बसें भर भर कर पानीपत ले जाकर प्रधानमंत्री के समक्ष भीड़ की नुमाइश करने का क्या सबब है।
उधर जो स्कीम लॉच की जा रही है उसके तहत ऐसा भान कराया जा रहा है जैसे सरकार इन सखियों को नौकरी दे रही और सात हजार रुपए महीना मुफत ही दिया जा रहा हो। जबकि असलियत बिलकुल अलग है। बीमा सखी बनने के बाद सात हजार रुपए कमाने के लिए जो टारगेट रखे गए हैं उन्हें हासिल करना आसान नहीं है।
बीमा सखी बन जाने के बाद पहले साल में सात हजार रुपए महीने का स्टाइपंड देने का दावा किया गया है लेकिन ये स्टाइपंड तभी मिलेगा जब बीमा सखी इतनी बीमा पालिसी कर देंगी जिनका कमीशन दो हजार रुपया प्रति बनता हो ओर महीने में कम से कम एक पालिसी बनानी होंगी।
अगले चार महीने में हरेक महीने में कम से कम दो पालिसी बनानी होगी और इतना पालिसियां बना देनी होगी जिनका कमीशन चार हजार रुपए बन जाए।जबकि आठ से 12 महीने तक कम से कम तीन पालिसियां प्रति महीना बना कर देनी हो व कमीश्रन छह हजार रुपया होना चाहिए। ये कमीशन बिना बोनस के होना चाहिए। तब ही इन बीमा सखियों को पहले साल में सात हजार रुपए प्रति महीना स्टाइपंड मिलेगा।
नौ दिसंबर से पानीपत से शुरू होने वाली ये बीमा सखी –महिला कैरियर एजेंट स्कीम केवल तीन सालों के लिए। इसके तहत पहले साल में इन सखियों को टारगेट पूरा करने के बाद सात हजार रुपए प्रति महीना, दूसरे साल में छह हजार प्रति महीना और तीसरे साल में ये रकम और भी कम होकर पांच हजार रुपए प्रति महीना हो जाएंगी।
LIC के खर्च पर भीड़ जुटाने की तरकीब
पानीपत में होने वाले इस कार्यक्रम में भीड़ जुटाने का नायाब तरीका निकाला गया है। इसके लिए पंजाब,चंडीगढ़ और हरियाणा से एलआईसी के कर्मचखरियों और अधिकारियों को बसों में भर-भर कर आने का इंतजाम किया गया है। इसके अलावा हिमाचल से भी कई बसें पानी पत जा रही है। इनमें से तीन बस से तीन बसें तो शिमला से ही जा रही है। जबकि नाहन व प्रदेश के बाकी जगाहों से भी बसें भर कर जा रही है और इन सबका खर्च एलआईसी के खाते से वहन होना है।
इसके अलावा एलआईसी से जुड़े अधिकारियों को कार्यक्रम में भीड़ जुटाने के लिए मौखिक तौर पर फरमान दिए जा रहे है। अब ऐसे फरमानों से ये आला अधिकारी भी परेशान है । जो अधिकारी यूएसवी वाहनों में पूरे चलने के अभ्यस्त हससे चुके हों उन्हें बसों में जाना भा नहीं रहा है। इसके अलावा एलआईसी पर वितीय बोझ भी पड़ रहा है।
उधर ,कुछ अधिकारियों का कहना है कि एलआईसी पहले ही संकट में है ऐसे में अलग-अलग राज्यों से इस तरह एलआइसी के खर्च पर भीड़ जुटाना सही नहीं हैं। अब इस कार्यक्रम में कितना खर्च होता है और क्या सारा खर्च एलआइसी ही वहन करती है ये देखा जाना है। जब आनलाइन लाचिंग के दौर में ऐसे भीड़ जुटाना जनता के पैसे से खिलवाड़ के अलावा कुछ नहीं हैं।
अभी इस योजना को लेकर कोई प्रतिक्रिया कहीं से सामने नहीं आ रही है लेकिन समझा जा रहा है कि लॉंच होने के बाद ये स्कीम भी अग्निवीर योजना की तरह आलोचना का शिकार होने जा रहे है।
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