शिमला। पूर्व धूमल सरकार के दौरान प्रदेश में हुए फोन टेपिंग कांड का मसला केंद्र के पाले में पहुंच गया है। प्रदेश की वीरभद्र सिंह सरकार की ओर से इस मामले में ज्यादा कुछ न होने केंद्र सरकार ने दखल दिया है। केंद्र सरकार ने पिछले सप्ताह चिटठी लिख कर कहा कि फोन टेपिंग मामले में केंद्रीय कानून का उल्ंघलन हुआ है ऐसे में मामले की पूरी रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेज दी जाए। इंडियन टेलीग्राफ एक्ट केंद्रीय एक्ट है।
सचिवालय से जुड़े उच्चस्थ सूत्रों के मुताबिक प्रधान गृह सचिव पी मित्रा ने आज इस मामले को लेकर रिपोर्ट केंद्र को भेज दी है। रिपोर्ट के साथ प्रदेश सरकार की ओर से इस मामले में दर्ज की गई एफआईआर को भी केंद्र सरकार को भेज दिया है।
टेलीफोन कांड में विजीलेंस ब्यूरो ने बिना नाम की एफआईआर दर्ज कर रखी है। इसके अलावा इसा मामले में पूव्र गृह सचिव पीसी धीमान व कुछ पुलिस अफसरों से पूछताछ के अलावा कुछ नहीं किया है। केंद्र की ओर से रिपोर्ट तलब करने बाद अब सरकार की जांच एजेंसियों की जांच केंद्र सरकार की निगाह में आने वाली है।
पूर्व धूमल सरकार के कार्याकाल में प्रदेश मेंकरीब तीन हजार के करीब टेलीफोन टेप हुए थे । इनमें मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह, पूर्व मंत्रियोंं महिलाओं ,पत्रकारों और नेताओं फोन टेप हुए है। करीब 15 सौ के करीब फोन तो विजीलेंस की जांच में सामने आए है। विजीलेंस को चार फोल्डर भी मिले थे जिनमें टेप किए गए फोन की स्क्रिप्ट तक मिली है।
बावजूद इसके विजीलेंस ने दर्ज एफआईआर में किसी का नाम शामिल नहीं किया । गृह विभाग से जुड़े एक अफसर ने माना कि केंद्र सरकार ने रिपोर्ट तलब की थी। रिपोर्ट भेज दी गई है। बहरहाल अब मामला केंद्र के पाले में पहुंच गया है।
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