चंडीगढ़। पीजीआई में कार्डियोलाजी विभाग के प्रमुख प्रो यशपाल शर्मा इंटरनेशनल बायोजियोग्राफिकल सेंटर,आईबीसी कैंब्रिज, इंग्लैंड के टॉप 100 साइंटिस्ट-2015 के लिए चयनित हुए हैं। इस सूची में ऐसे वैज्ञानिकों को शामिल किया जाता है जिनके कार्यों की बदौलत असंख्य लोगों को फायदा पहुंचता है।
प्रो यशपाल हिमाचल के कांगड़ा जिले से हैं व फगवाड़ा व कांगड़ा में दसवीं तक की शिक्षा हासिल करने के बाद डीएवी जालंधर में उन्होंने आगे की पढ़ाई पूरी की व अमृतसर की गुरुनानक देव यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस किया। जीएमसीएच पटियाला से एमडी व पीजीआई चंडीगढ़ से डीएम किया व बाद में यहीं पर डॉक्टर के तौर पर अपना कैरियर आरंभ किया। उन्हें देश व विदेश में कई सम्मान हासिल हो चुके हैं।
प्रो शर्मा की इस उपलब्धि ने चंडीगढ़ को चिकित्सा के क्षेत्र में एक नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया है। उनके द्वारा खोजी गई यश इंडिया टेक्नीक ने भी चिकित्सा के क्षेत्र में काफी प्रसिद्धि बटोरी। इस टेक्नीक के तहत उन्होंने बताया कि भोजन दिमाग के संकेत के मुताबिक करना चाहिए। उनके मुताबिक एक चपाती को कम से कम दस मिनट तक चबा चबाकर खाना चाहिए। ऐसा करने से केवल दो चपाती में ही पेट भर सकता है व अनावश्यक भोजन की आवश्यकता नहीं रहती जिससे स्वास्थ्य ठीक रहता है व इंसान कई प्रकार की बीमारियों से महफूज रहता है। उन्होंने यह खोज अपने कई मरीजों पर शोध करने के बाद दुनिया के सामने पेश की जिससे चिकित्सा विज्ञान को नई दिशा मिली।
उन्हें मिले प्रमुख सम्मानों में मदर टेरेसा शिरोमणि अवार्ड, स्वामी विवेकानंद एक्सीलेंस अवार्ड, वेस्ट सिटीजन ऑफ इंडिया अवार्ड, इंदिरा गांधी प्रियदर्शनी नेशनल अवार्ड व भारत एक्सीलेंस अवार्ड के साथ.साथ पंजाब के मुख्यमंत्री द्वारा पंजाब का राजकीय सम्मान व प्रमाण पत्र भी दिया जा चुका है।
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