शिमला। प्रदेश के कर्मचारियों व पेंशनरों को वेतरव पेंशन की अदायगी को लेकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बड़ा दावा किया हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश को केंद्र से आरडीजी यानी रेवन्यू डेफिस्ट ग्रांट हर महीने की छह तारीख को मिलती है जबकि केंद्रीय करों में प्रदेश के हिस्से की रकम दस तारीख तक आती हैं।
ऐसे में एक तारीख को कर्मचारियों को वेतन और पेंशन देने के लिए सरकार को कर्ज लेना पड़ता था और उस पर पांच दिन के लिए 2 करोड़ 85 लाख रुपए का ब्याज देना पड़ता था। इसलिए ब्याज की इस रकम को बचाने के लिए कर्मचारियों को पांच तारीख को वेतन देने का फैसला किया गया व पेंशन तारीख को दी जा रही हैं।
सुक्खू ने सदन में कहा कि केंद्र से रेवन्यू डेफिसिट ग्रांट के हर महीने 520 करोड़ रुपए प्रदेश को मिलते है जिसकी किश्त छह तारीख को मिलती है जबकि केंद्रीय करों से प्रदेश की हिस्सेदारी के 740 करोड़ रुपए दस तारीख को मिलते है।
वेतन व पेंशन देने के लिए सरकार को बाजार से 7.50 फीसद पर अग्रिम कर्ज लेना पड़ता । इसलिए सरकार अब वेतन पर पांच दिन का और पेंशन पर दस दिन तक अदा की जाने वाली ब्याज की रकम को बचा लिया गया हैं। उन्होंने ये भी कहा कि राज्य की दिसबंर तक बाजार से कर्ज उठाने की बकाया रकम 2317 करोड़ ही बची हैं।
ऐसे में सरकार को विवेक पूर्ण तरीके से काम करना होगा।
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