शिमला।जिला के चौपाल पुलिस थाने के तहत 2015 में हुई जघन्य हत्या के एक मामले में अतिरिक्त जिला अदालत शिमला के फैसले पर मृतक की पत्नी ने सवाल खड़े कर दिए है। मृतक नरबीह सिंह की पत्नी वीरेंद्रा ठाकुर ने इस मामले में कत्ल की धारा यानी 302 के तहत किसी को दोषी ही न ठहराने और सजा न देने को लेकर सवाल खड़े कर दिए है। वीरेंद्रा ठाकुर का कहना है कि अगर उनके पति का किसी ने कत्ल नहीं किया तो उनकी मौत कैसे हुई। अगर कत्ल हुआ तो किसने किया।कातिलों को सजा मिलनी चाहिए।
उन्होंने न्यायिक तंत्र को ही कटघरे में खड़ा कर दिया और कहा कि उन्हें और उनके बच्चों को इंसाफ ही नहीं मिला। उनका अब हर जगह से भरोसा उठने लगा है। वो अकेली महिला है और उनके साथ कोई खड़ा होने को तैयार नहीं है।
जिला के चौपाल पुलिस थाने के तहत 2015 में हुए डब्बल मर्डर के एक मामले में अतिरिक्त जिला जज प्रवीण गर्ग की अदालत ने 33 दोषियों को सात –साल की सजा सुनाई। साथ ही जुर्माना भी लगाया है। लेकिन मृतक नरबीर सिंह की पत्नी वीरेंद्र ठाकुर ने इस फैसले से असहमति जता दी व अभियोजन से लेकर पूरे न्यायिक तंत्र को कटघरे में खड़ा कर दिया । उन्होंने कहा कि अगर उनके पति के हत्यारों को सात ही साल की सजा देनी थी तो न्याय के इंतजार में घुट-घुट कर दस साल की सजा तो वो और उनके बच्चे ही काट चुके है।
फैसले से आहत वीरेंद्रा ने कहा कि ये जघन्य हत्या थी। लेकिन उन्हें इंसाफ नहीं मिला।ये जंगल राज जैसा है।
ये है मामला
चौपाल के गांव टूईल में 11 मार्च 2015 में एक शादी थी। गांव के नरबीर सिंह और जिस घर में शादी थी उनके बीच पहले से अनबन थी। कुछ लोगों ने दोनों परिवारों को शादी में इकटठा करने की कोशिश की लेकिन कोई समझौता नहीं हुआ । इल्जाम ये है कि नरबीर पर वहीं पर हमला घर दिया व दौड़ कर अपने घर को आया। पीछे से भागते हुए ये लोग नरबीर के घर में घुस गए और तेजधाार हथियारों से हमला बोल दिया। बचाव में अपने घर में नरबीर ने अपनी गन निकाल ली । छीना झपटी में गन चल गई और बंटू नाम के एक व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई।
हमलावरों ने नरबीर सिंह को उसके घर से घसीट लिया व उसे पांच सौ मीटर तक पीटते हुए नीचे ले गए और उसकी बेरहमी से हत्या कर दी और नरबीर सिंह के घर को आग के हवाले कर दिया।
चौपाल थाने में नरबीर सिंह की पत्नी वीरेंद्रा ठाकुर की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया।मामले की जांच के दौरान तीन दर्जन से ज्यादा लोगों को विभिन्न धाराओं के तहत दबोचा गया।
आज इस मामले में सजा सुना दी गई लेकिन मृतक की पत्नी का कहना है कि उसे इंसाफ नहीं मिला । दोषियों को धारा 302 के तहत उम्र कैद की सजा होनी चाहिए थी।
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