शिमला। सीबीआई की ओर से उद्योग विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर तिलक राज शर्म को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ने व इस मामले में मुख्यमंत्री कार्यालय का नाम आने पर सरकार ने इसे वीरभद्र सरकार की छवि को धूमिल करने का प्रयास जताया हैं। हालांकि देरी से आई आई ये प्रतिक्रिया व नाकाफी हैं। हैरानी की बात है कि इस मसले पर न तो मुख्यमंत्री वीरभ्द्र सिंह ने आधिकारिक तौर पर अपनी जुबान खोली हैं और न ही उदयोग मंत्री मुकेश अग्निहोत्री ही ने कुछ बोला हैं।
मीडिया को सरकारी प्रवक्ता के हवाले से एक विज्ञप्ति जारी कर दी हैं जिसमें कहा गया हैं इस मामले में मुख्यमंत्री कार्यालय का नाम अनावश्यक जोड़ा गया है। प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने आज यहां कहा कि ये समाचार पूरी तरह से बेबुनियादए दुर्भावनापूर्ण और प्रदेश सरकार की छवि को धूमिल करने का प्रयास है।
प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री कार्यालय का इस मामले से कोई भी संबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि कानून इस दिशा में कार्य कर रहा है और प्रदेश सरकार किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार को सहन नहीं करेगी क्योंकि सरकार प्रदेश के लोगों को उत्तरदायी व भ्रष्टाचार.मुक्त शासन प्रदान करने के प्रति वचनबद्ध है।
याद रहे कि जब वीरभ्द्र सिंह सरकार की विजीलेंस ने एचआरटीसी के रीजनल मैनेजर को चिटटा के साथ पकड़ा था तो वीरभद्र विरोधी खेमे से परिवहन मंत्री जी एस बाली ने तुरंत संवाददाता सम्मेलन कर अपनी सफाई दी थी। बाली ने कहा था कि आरएम को निलंबित कर दिया हैं।
लेकिन इस बार मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह व मुकेश अग्निहोत्री खामोश रहे हैं। समझा जा रहा है कि ज्वाइंट डायरेक्टर के पकड़े जाने से मुख्यमंत्री व उदयोग मंत्री संकट में हैं इसीलिए खामोश हैं।
मुख्यमंत्री कार्यालय से बीते रोज भी आधिकारिक प्रतिक्रिया मांगी गई थी लेकिन कोई जवाब नहीं आया। आज की प्रतिक्रिया भी संक्षिप्त सी हैं।
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