शिमला। नेश्नल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने बड़ा आदेश देते हुए हिमाचल प्रदेश प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के चेयरमैन कुलदीप पठानिया समेत नौ राज्यों के बोर्डों की अध्यक्षों से काम छीन लिया हैं। ग्रीन पैनल ने कहा है कि इन बोर्डों के अध्यक्षों की नियुक्ति एनजीटी की गाइडलाइंस के मुताबिक नहीं हुई हैं। ऐसे में आगामी आदेश तक इनसे काम छीन लिया जाए। मामले की अगली सुनवाई 4 जुलाई को रखी गई हैं।
एजेंसी के मुताबिक एनजीटी ने हिमाचल के अलावा पड़ोसी राज्य हरियाणा,उतराखंड,राजस्थान,केरल,सिक्किम,तमिलनाडु,तेलांगना और महाराष्ट्र के प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों के अध्यक्षों से भी तुरंत प्रभा से काम छीन लिया हैं।
ये आदेश वीरवार को एनजीटी की जस्टिस आर एस राठौर की पीठ ने जारी किए हैं। इस आदेश के आने के बाद हिमाचल सरकार में हड़कंप मचा हुआ हैं। सबसे बड़ा सवाल ये खड़ा हो गया है कि वीरभद्र सरकार पठानिया को हटाएगी या नहीं।बीते रोज सचिवालय में इस मसले को लेकर बैठक हुई।
बताते है कि फाइल सीएम तक नहीं गई हैं। कुलदीप पठानिया मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह बेहद लाडले हैं। लेकिन एनजीटी का ये आदेश दोनों के लिए बड़ा झटका हैं। सूत्र बताते है कि मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह सरकार उनको हटाने के मूड़ में नहीं हैं व एनजीटी के आदेश की कानूनविदों से समीक्षा कराई जा रही हैं।
पठानिया चंबा जिला के भटियात से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ते रहे हैं। 2012 में वो भाजपा प्रत्याशी बिक्रम जरियाल से हार गए थे। बीते दिन वीरवार को एनजीटी के इस आदेश के बाद हिमाचल प्रदेश प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के मुख्यालय में बैठकों का दौर चला। लेकिन आदेश में असल में कहा क्या गया है ये साफ नहीं हो रहा था। बोर्ड के आला अफसर देर शाम तक कहते रहे है कि अभी क्लेरिटी नहीं हैं।
बहरहाल बोर्ड के कई अफसर जो बीते रोज तक उनके लाडले होने का स्वांग रचते थे वो ये खुशी से ये कहते हुए सुने गए कि ’गया,चेयरमैन गया’, । बहरहाल उनकी कुर्सी पर अभी सस्पेंस बना हुआ हैं।
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