शिमला। कभी कांग्रेस की पूर्व अध्यक्षा सोनिया गांधी के कमांडों रहे रामपुर से कांग्रेस विधायक नद लाल को 7वें राज्य वितायोग का अध्यक्ष बनाकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कांग्रेस विधायकों की भाजपा में में जाने को लेकर मच रही भगदड़ को रोकने की कोशिश की हैं। हालांकि सुक्खू ने अब बहुत देर कर दी हैं। सुक्खू अभी मित्रों की ही ताजपोशियां करने में जुटे थे।
लेकिन जब सरकार पर संकट आया तो उनकी मित्र मंडली संकट टालने के लिए ज्यादा कुछ नहीं कर पाई।
बहरहाल, नंदलाल रामपुर से कांग्रेस के विधायक रहे हें । इस बार वह बड़ी मुश्किल से जीते थे। रामपुर में वह हालीलाज कांग्रेस की वजह से जीतते रहे है लेकिन वीरभद्र सिंह के निधन के बद अब रामपुर में हालीलाज कांग्रेस का दबदबा कम होने लगा है। यही कारण रहा कि नंद लाल की जीत बड़ी मुश्किल से हुई हैं।
स्थानीय राजनीति की वजह से उन्हें हालीलाज कांग्रेस का साथ छोड़ना मुश्किल हैं लेकिन अगर प्रतिभा सिंह और विक्रमादित्य सिंह भाजपा में चले जाते है तो वह हालीलाज कांग्रेस के चंगुल से छुटकारा मिल जाएगा।इसी लिए सुक्खू ने नंद लाल को ये ओहदा दिया हैं।
यह कदम हालीलाज कांग्रेस में फूट डालने की भी हैं। इससे हालीलाज कांग्रेस कमजोर होगती जाएगी और वह भाजपा में जाने के लिए मजबूर हो जाएगी। कांग्रेस में सुक्खू जब से सत्ता में आए हैं तभी से चाहते है कि हालालाज कांग्रेस का भाजपा विलय हो जाए।लेकिन बाकी विधायक भी चले जाएंगे इसकी उन्हें उम्म्मीद नहीं थी।
हालीलाज कांग्रेस भाजपा में जाएंगी यह तो कांग्रेस आलाकमान भी जानता ही हैं। हालीलाज कांग्रेस के भ्रष्टाचार के मामले में फंसे हुए हैं। ऐसे में उन्हें वह निपटाने हैं।
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