शिमला।हाईकोर्ट के आदेशों की पालना न करने पर सहायक पंजीयक सहकारी सभाएं सोलन ने द मांगल लैंड लूजर्स एवं प्रभावित परिवहन सहकारी सभा की नामित समिति को तुरंत प्रभाव बर्खास्त कर इस सभा का जिम्मा सहकारी विभाग के सर्कल इंस्पैक्टर धर्मपुर के सुपुर्द कर दिया है।सहायक पंजीयक सोलन गिरीश नडडा ने नव नियुक्त प्रशासक राकेश ठाकुर को आदेश दिए हैं कि वो हाईकोर्ट की ओर से 27 दिसंबर 2024 को जारी आदेशों की पालना करवाएं ।
सहायक पंजीयक सहकारी सभाएं ने इस सभा की नामित समिति को 17 सितंबर2025 को बर्खास्त किया।
याद रहे प्रदेश हाईकोर्ट ने 27 दिसंबर 2024 को पांच याचिकाओं की सुनवाई करते हुए सभा याचिका कर्ताओं के ट्रकों को लगाने के आदेश दिए थे लेकिन सभा ने इन आदेशों की पालना नहीं की।
पालना न करने पर अब सहायक पंजीयक सहकारी सभाएं सोलन ने द मांगल लैंड लूजर्स एवं प्रभावित परिवहन सहकारी सभा की मनोनित समिति जो सभा का कामकाज संभाल रही थी को बर्खास्त कर दिया ।यानी समिति के सभी सदस्यों को हटा दिया हैं।हालांकि सभा ने सहायक पंजीयक के इस फैसले के पास अब रजिस्ट्रार सहकारी सभा के समक्ष अपील दायर की है।
याद रहे सहायक पंजीयक सोलन ने 24 जून 2025 को द मांगल लैंड लूजर्स एवं प्रभावित परिवहन सहकारी सभा की मनोनित समिति के सदस्यों को कारण बताओं नोटिस जारी किया था कि वो हाईकोर्ट के आदेशों का पालन करे अन्यथा उनके खिलाफ कानून के मुताबिक कार्यवाही की जाएगी।
इसके जवाब में समिति के सदस्यों की ओर से 9 जुलाई को जवाब दिया गया कि समिति के सदस्यों रोहित कुमार जोशी और अनिल जोशी दायर याचिकाएं अदालत में लंबित है। इन याचिकाओं में हाईकोर्ट के 27 दिसंबर 2024 के आदेशों पर रोक लगाने की गुहार लगाई गई है।ऐसे में अगर हाईकोर्ट के 27 दिसंबर 2024 के आदेशों को लागू कर दिया जाता है तो इन उपयुर्क्त याचिकाओं का उददेश्य ही विफल हो जाएगा।
जवाब में कहा कि रोहित कुमार जोशाी और अनिल कुमार जोशी की याचिकाओं में अंतिम फैसला नहीं आया है। इसके अलावा सभा की ओर स दायर याचिका का भी निपटारा नहीं हुआ है।
अगर हाईकोर्ट के 27 दिसंबर 2024 के आदेशों का पालन कर आवेदनकर्ताओं के ट्रकों को शामिल कर भी लिया जाता है तो वरिष्ठता के आधार पर इन आवेदन कर्ताओं की का नंबर195 और 196 है जो सभा के 222 सदस्यों की सूची में बहुत नीचे है।अगर सभा को ज्यादा काम मिलता है तो सभा की ओर से वरिष्ठता के आधार पर काम आवंटित किया जाएगा।
इन्होंने इस नोटिस को खारिज करने की मांग की। जवाब को संतोषजनक पाते हुए पंजीयक सहकारिता ने इस नोटिस को खारिज कर दिया।
लेकिन प्रदेश हाईकोर्ट ने विभिन्न याचिकाओें की सुनवाई के दौरान 4 सितंबर 2025 को निर्देश दिए कि इन याचिकाओं की सुनवाई के दौरान बार -बार आदेश पारित करने के बावजूद हाईकोर्ट के 27 दिसंबर 2024 के आदेशों की अनुपालना नहीं की जा रही है। इसलिए इन आदेशों की अनुपालना से अदालत को अवगत कराया जाए। इसके लिए अदालत ने दो सप्ताह का समय दिया।
इसके बाद पंजीयक सहकारिता ने छह सितंबर को दोबारा निर्देश दिए कि हाईकोर्ट के 27 दिसंबर 2024 के आदेशों का पालन किया जाए। इस पर सहायक पंजीयक सोलन ने द मांगल लैंड लूजर्स एवं प्रभावित परिवहन सहकारी सभा की नामित समिति के सदस्यों को दोबारा से कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए सात दिन के भीतर जवाब तलब किया । लेकिन दस दिन बीत जाने के बाद भी नोटिस का जवाब नहीं दिया गया तो सहायक पंजीयक सोलन ने सभा की मनोनीत समिति के सभी सदस्यों को उनके पदों से हटा कर वहां पर प्रशासक नियुक्त कर दिया है। अब ये मामला दोबारा से कानूनी पेचदकियों में फंस गया है।
ये है मामला
याद रहे बागा में लगे सीमेट कारखाने में सीमेंट ढुलाई के कामकाज का जिम्मा द मांगल लैंड लूजर्स एवं प्रभावित परिवहन सहकारी सभा को दिया गया है।जिसमें 1495 सदस्य है।
इस समिति में कुछ सदस्यों ने 2018-19 में ट्रकों को लगाने के लिए इस सहकारी सभा में आवेदन किए थे। 222 सदस्य है। ये सभा के वो सदस्य थे जिन्होंने ट्रक नहीं डाले थे। लेकिन सभा ने ट्रक डालने की मंजूरी नहीं दी। जिस पर ये सदस्य अपना मामला लेकर सहायक पंजीयक सोलन के पहुंच गए।
सहायक पंजीयक ने इनके पक्ष में फैसला दिया व इनकी गाडि़यों को लगाने के निर्देश दिए। इसके विरोध में सभा ने रजिस्ट्रार के समक्ष चुनौती दे दी। रजिस्ट्रार ने सभा की अपील को खारिज दिया। इसके बाद सभा ने इस फैसले को सचिव सहकारिता के समक्ष चुनौती दी लेकिन सभा वहां भी हार गई।
इसके बाद सभा ने हाईकोर्ट ने इन सचिव के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दे दी जिस पर हाईकोर्ट ने 27 दिसंबर 2024 को सभा को निर्देश दिए वो सदस्यों के ट्रकों को लगाएं। यानी सचिव के आदेशों का पालन करे। सहायक पंजीयक सोलन ने सभा को हाईकोर्ट के इन आदेशों का पालन करने निर्देश दिए लेकिन सभा ने इन आदेश का आज तक पालन नहीं किया।
इस पर सहायक पंजीयक सोलन ने नामित समिति को बर्खास्त कर दिया।
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