शिमला। सेना में मेजर जनरल के पद पर तैनात हिमाचल के जाबांज अफसर अतुल कौशिक को सेना में सराहनीय सेवाएं देने के लिए विशिष्ट सेवा मेडल से नवाजा गया है। बीते दिनों अमृतसर में आयोजित सेना के गरिमापूर्ण समारोह में सेना की उतरी कमांड के प्रमुख परम वशिष्ठ सेवा मेडल, अति वशिष्ठ सेवा मेडल और सेना मेडल से सम्मानित लेफ्टिनेंट जनरल सुरेंद्र सिंह ने उन्हें राष्टÑपति की ओर से वशिष्ट सेवा मेडल प्रदान किया।
साढ़े आठ साल जम्मू कश्मीर में आतंकवाद व सीमा पार से घुसपैठ का मुकाबला करने के दौरान बहादुरी व अदम्य साहस के लिए उन्हें चीफ आफ आर्मी स्टाफ की ओर से तीन बार प्रशंसापत्र भी दिए जा चुके है। आतंक व घुसपैठ का मुकाबला करने के लिए राष्टÑीय रायफल का कुशला नेतृत्व करने के लिए उन्हें सेना मेडल से भी नवाजा जा चुका है। आतंकियों का मुकाबला करते हुए वह एक बार बुरी तरह से चोटिल भी हो चुके है।
हालांकि वह घुसपैठियों को खेदेड़ने में कामयाब रहे लेकिन उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। उन्हें वुंडस मेडल भी मिल चुका है। घायल होने के बाद सेना से सेवानिवृति होने के बजाय उन्होंने सेना का साथ न छोड़ने का फैसला किया।
प्रदेश के जिला सिरमौर के नाहन मे जन्मे मेजर जनरल अतुल कौशिक की शुरूआती शिक्षा नाहन के बाद शिमला के नामी स्कूल सेंट एडवर्ड में हुई। जबकि स्रातक उन्होंने संजौली कालेज से की । प्रदेश विवि में कानून की पढ़ाई करने के दौरान ही उन्हें 1983 में सेना में कमिशन मिल गया। तब से लेकर अब तक अनगिनत सैन्य कार्यवाहियों में भाग ले चुके मेजर जनरल अतुल कौशिक इन दिनों हाइ अलटीटयूड वारफेयर स्कूल गुलबर्ग व सोनाबर्ग के प्रमुख है और सियाचिन ग्लेशियर समेत तमाम हिमालययी युद्ध क्षेत्रों में जंग के तौरतरीकों से जवानों को लैस कर रहे है।
बहादुरी व अदम्य साहस के लिए कई मेडल हासलि कर चुके मेजर जनरल अतुल कौशिक को पर्वतारोहण का भी शौक है। पिछल्ले साल ही उन्होंने अपनी टुकड़ी के साथ जोजिला दर्रे के पास 19 हजार फुट ऊंची चोटी को फतह किया। इसके अलावा सिक्किम से लेकर नेपाल के दोमोदर कुंड तक वह कई चोटियों को फतह कर चुके है। वह सिक्किम व नागालैंड में भी घुसपैठियों का मुकाबला कर चुके है।
उन्होंने कहा कि हिमाचल वीरों की भूमि है और युवाओं का आहवान किया कि सेना में जाने का कोई मौका हाथ से न जाने दे। सेना जीवन में वह मौके देती है जो कोई और सेवा नहीं देती। उन्होंने कहा कि उन्होंने सेना में रहते ही अहिल्याबाइ विवि इंदौर से स्ट्रेटिजिक डिफेंस स्टडी में एमफिल और मद्रास विवि से एमएससी भी की।
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