शिमला।हिमाचल प्रदेश पंजाब नेशनल बैंक की एक महिला अफसर ने सिरमौर और सोलन में कंपनियों को बांटे कर्ज में फ्रॉड और अन्य अनियमितताएं बरतने के मामले को उजागर किया तो बैंक प्रबंधन इस महिला अफसर को ही पीडि़त करने पर उतारू हो गया ।ये खुलासा बैंक की महिला अधिकारी मानसी नेगी की ओर से हिमाचल हाईकोर्ट में दायर याचिका में हुआ है। जबकि कायदे से अनियमितताएं बरतने और जनता के पैसे को नुकसान पहुंचाने वाले अफसरों व संबंधित कंपनियों के खिलाफ जांच की जानी चाहिए थी।
हालांकि ये मामला बैंक के एम डी तक दिल्ली तक पहुंचा लेकिन फिर भी कहीं कुछ नहीं हुआ ।
अब इस महिला अफसर ने इन अनियमितताओं की जांच कराने और उसके खिलाफ किए जाए रहे उत्पीड़न को लेकर प्रदेश हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा कर सीबीआइ जांच की मांग के साथ ही पंजाब नेशनल बैंक के भीतर किस तरह जनता के पैसे के साथ खेल किया जा रहा है इसका खुलासा कर दिया है।
याचिका की सुनवाई करते हुए प्रदेश हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति संदीप शर्मा की एकल खंडपीठ ने पंजाब नेशनल बैंक के अफसरों को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर जवाब तलब किया है।
आलम ये है कि बैंक में जेंडर सेंसटिव नीति है लेकिन बावजूद इसके बैंक ने इस महिला अफसर की sabbatical leave तक की अर्जी को खारिज कर दिया। हालांकि बैंकों में इस तरह की हरकतें देखने को मिलती नहीं है लेकिन हाईकोर्ट पहुंचे इस मामले ने बैंकों में हो रही निराली हरकतों को सामने ला दिया है। साथ ही ये सब ये बताने के लिए काफी है कि किसकी पहुंच कहां तक है।
गुजरे जमाने में हिमाचल विधानसभा कि महिला रिपोर्टर वैशाली ठाकुर के साथ भी कुछ इस तरह की ही हरकतें हुई थी और परोक्ष रूपउसे उसे नौकरी से बर्खास्त करने का एक अभियान चलाया गया था । तब तत्कालीन लोकसभा स्पीकर सोमनाथ चटर्जी के दखल के बाद वैशाली ठाकुर को राहत मिली थी।
ये है सारा मामला
याचिका कर्ता मानसी नेगी जून 2022 में पदोन्नत होकर देहरादून से शिमला जोन में आई। चूंकि उसकी बुजुर्ग मां की तबीयत खराब रह रही थी तो उसने बैंक की तबादला नीति के तहत नाहन के लिए तबादला करने की अर्जी दी। जिसे बैंक ने मान लिया और 24 जनवरी 2023 को उसका तबादला नाहन कर दिया।यहां पर उसे कर्ज आवंटित करने से पहले कर्ज दस्तावेजों की छंटनी व सत्यापन करने का काम सौंपा गया। इस दौरान उसने तीन कर्ज खातों में भारी खामियां पाई।
यहीं से बैंक अफसर मानसी नेगी का बुरा दौर शुरू हो गया।
खामियां पाए जाने पर उन्होंने कर्ज लेने वालों से बैंक की कर्ज नीति के तहत दस्तावेज मांगे लेकिन जब दस्तावेज नहीं दिए गए तो बैंक को नुकसान न हो इस गरज उसने कर्ज का आवंटन रोक दिया।बाद में ये तीनों कर्ज एनपीए हो गए।इनमें से दो कर्ज जिला सिरमौर की हिमालयन इंटरनेशनल एंड वोल्वो इंपेक्स कंपनी के थे। ये साबित करता है कि उसका फैसला सही था।
याचिकाकर्ता ने याचिका में कहा है कि इस काम की सराहना करने के बजाय उसके वरिष्ठ अफसरों ने उस पर कर्ज का आवंटन करने के लिए दबाव डालना शुरू कर दिया। लेकिन जब उसने ऐसा करने से इंकार कर दिया तो उसके खिलाफ उसके व्यवहार को लेकर झूठी शिकायतें लिखवाई गई। प्रारंभिक जांच में अधिकांश स्टाफ ने उसके व्यवहार को लेकर कहीं कुछ नहीं कहा। आखिर में जांच पूरी होने के पहले ही इन शिकायतों को फाइल कर दिया गया।
यही नहीं हिमालयन इंटरनेशनल एंड वोल्वो इंपेक्स के मालिक ने भी उसके खिलाफ शिकायत की।जिसे आज तक याचिकाकर्ता को नहीं दिया गया है और अब बैंक की फाइल से वो शिकायत गायब बताई जा रही हैं।लेकिन आठ अगस्त 2023 तो जोनल मैनेजर ने “customer dissatisfaction.”का हवाला देकर उसका तबादला सोलन करने की सिफारिश कर दी। शायद बैंकों में भी अब ऐसा होने लगा है । वो भी तब जब देश की वित मंत्री निर्मला सीतारमण खुद एक महिला है।
बहरहाल,एक सितंबर 2023 को नाहन से सोलन को उसके तबादले को मंजूरी मिल गई और 16 सितंबर को उसने सोलन में ज्वाइन कर लिया। बैंक के वरिष्ठ अफसरों को अपने खिलाफ न करने की मंशा से उसने झूठी शिकायतों के आधार पर छह महीनों के भीतर दंड के रूप में किए गए उसके तबादले के आदेशों को चुनौती नहीं दी व आदेशों की पालना कर ली। जबकि ये सजा देने से पहले उसे शो कॉज नोटिस तक नहीं दिया गया । सोलन में उसने बैंक की रिकवरी डिविजन बतौर SASTRAप्रमुख ज्वाइन कर लिया।
इस महिला अफसर ने अपनी याचिका में कहा है कि यहां पर यौन प्रताड़ना समेत उसकी लगातार प्रताड़ना की गई। जिसकी उसने जोनल मैनेजर शिमला से शिकायत कर दी। लेकिन उसकी शिकायत को दो भागों में बांट दिया गया नियमित प्रारंभिक जांच एच ओ विस्वास को सौंपी और दूसरे भाग को PoSH Act के गठित आंतरिक शिकायत समिति को भेज दिया। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा कि उसने अपनी शिकायत को इस तरह दो भागों में बांट देने पर आपति जताई लेकिन गौर नहीं हुआ।
याचिका में कहा गया है कि एच ओ विस्वास की ओर से की गई जांच रपट की प्रति को आज तक उसे नहीं दिया गया है हालांकि इस बावत कई बार आग्रह किया गया।
इस बीच 21 जून 2024 को उसने पंजाब नेशनल बैंक के जोनल मैनेजर से उसका तबादला नाहन कर देने का आग्रह किया । इस बावत याचिकाकर्ता ने कहा कि सितंबर 2023 में सोलन को उसका तबादला जिन झूठी शिकायतों को आधार बनाकर किया गया था उन शिकायतों को बाद में आधारहीन पाया गया और मार्च 2024 में इन शिकातों को ड्राप कर दिया गया।
उसने नाहन में रह रही अपनी बुजुर्ग व बीमार मां और अपनी आठ साल की बेटी का हवाला भी दिया। लेकिन छह जून 2024 तक कोई फैसला नहीं लिया गया । यही नहीं यौन प्रताड़ना के लिए गठित इंटरनल कंपलेंट कमेटी ने संबंधित अधिनियम के मुताबिक 90 दिनों के भीतर अपनी रपट नहीं दी।
बाद में इस समिति ने पक्षपात पूर्ण रपट दे दी व कह दिया कि आरोप साबित नहीं हो पाए । हालांकि कानूनन उसे क्रास एग्जामिशन करने की इजाजत मिलनी चाहिए थी लेकिन नहीं मिली। जिस तरह से इस समिति की ओर से जांच की जा रही थी उसे देखते हुए याचिकाकर्ता ने देहरादून में 12 अप्रैल 2024 को पुलिस में जीरो एफआइआर दर्ज करा दी। इसे बाद में सोलन पुलिस को भेज दिया गया और सोलन पुलिस ने बैंक की समिति की जांच रपट को आधार मान कर क्लोजर रपट बना दी।इस बावत भी इस अदालत यानी हिमाचल हाईकोर्ट में याचिका दायर है।(यहां सुक्खू सरकार की पुलिस की जांच भी कटघरे में हैं।)
इसके अलावा पुलिस की क्लोजर रपट के खिलाफ भी उसने सोलन में ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट एफसी-1 सोलन के समक्ष आपतियां दर्ज की है।याचिकाकर्ता के ऐसा करने से नाराज बैंक अफसरों ने उसे और प्रताडि़त करना शुरू कर दिया।
याचिका में कहा गया है कि एक शिकायत कर्ता संजय गोयल जिसे कर्ज देने से उसने मना कर दिया था और ये कर्ज बाद में एनपीए बन गया था, लगातार शिकायतें कर रहा हैं। लेकिन इसके कर्ज को आज तक फ्राड घोषित नहीं किया गया है।
इसकी कंपनी मैसर्स हिमालयन इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड एंड मैसर्स वोल्वो इंपेक्स के दस्तावेज खंगाले गए तो कर्ज के बदले गिरवी रखी उसकी परिसंपतियां 40 लाख की पाई गई जिसे दस्तावेजों में 11 करोड़ रुपए दर्ज किया गया है। इसके अलावा Khasra Nos. 989/897/270, 990/897/270 and 991/897/270श्रीमती संगीता गोयल के नाम दर्ज है। पटवारी की रपट में याचिका में लिखा है कि The Patwari’s report confirmed that the land was land-locked and lacking demarcation, rendering it commercially unsaleable.यही नहीं जो दिल्ली स्थित फलैैट गिरवी रखा गया था वो भी कानूनी विवादों में था।
यही नहीं जब उसने M/s Himalayan International Pvt. Ltd., M/s Thakur Dairies, and M/s Holiness Plasticsसमेत कई कंपनियों के कर्ज दस्तावेज खंगालने शुरू किए और उनसे दस्तावेज मांगने शुरू किए तो उसके खिलाफ शिकायतों का अंबार लगाना शुरू कर दिया ताकि उसे पद से हटाया जा सके।
याचिकाकर्ता ने कहा कि जिन कर्ज खातों को उसने रेड फलैग किया था उन्हें बाद में कर्ज दे दिया गया और और वो बाद में एनपीए हो गए। लेकिन बावजूद इसके उसके सर्विस रेकार्ड को खराब किया जा रहा है।
याचिकाकर्ता ने लिखा कि That despite these glaring irregularities, the Circle Head obstructed the Petitioner’s investigation by cancelling her scheduled inspection of MCC Sirmour, as noted in her letter dated 03.04.2025. The Deputy Zonal Manager, Shimla, through his communication dated 04.04.2025, directed immediate constitution of a Circle Office Fraud Examination Committee (COFEC) under FRMD Circular 13/2025 dated 29.03.2025, yet no action ensued.
याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कई और कर्ज मामलों के खुलासे अदालत में समक्ष लाए है जो बाद में एनपीए हो गए। यही नहीं इस बीच याचिकाकर्ता को 2 जुलाई 2025 को एलडीएम हमीरपुर के लिए ट्रासंफर कर दिया। इस बीच इस महिला अफसर ने sabbatical leave यानी बिना वेतन के अवकाश के लिए अर्जी दी तो उसे भी खारिज कर दिया।
अब मामला प्रदेश हाईकोर्ट में पहुंच गया है और याचिकाकर्ता ने उसकी ओर से याचिका में उजागर किए कर्ज मामलों की सीबीआइ जांच कराने और संबंधित अफसरों के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की हैं।साथ ही अपने खिलाफ हो रही प्रताड़ना पर रोक लगाने की मांग की है।
ये रहा महिला अफसर का प्रोफाइल
बैंक की महिला अफसर मानसी नेगी ने 25 अगस्त 2010 को पंजाब नेशनल बैंक में बतौर आइटी अफसर नौकरी ज्वाइन की थी और काबिलियत की बदौलत वो 10 जून 2022 तक चीफ मैनेजर के पद तक पहुंच गई।
यही नहीं बैंक की ओर से उसकी बेहतरीन सेवाओं के लिए MD’s Shine Dine Club 2025 की सदस्य चुना गया and also ranked amongst ,the Top 20 Circle Performers in Recovery in 2024 on a pan-India basis.
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