शिमला। किन्नौर जिला परिषद के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के चुनाव में दोनों पदों पर कांग्रेस व भाजपा के प्रत्याशियों को दस में से पांच पांच मत मिलने के बाद टास के जरिए चुनाव कराने पडे। टॉस के जरिए हुए चुनाव में अध्यक्ष पद पर भाजपा के निहाल सिंह और उपाध्यक्ष पर कांग्रेस की प्रिया नेगी की लाटरी लग गई।
जिला उपायुक्त हेमराज बैरवा ने आज जिला परिषद के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के पद के लिए चुनाव कराए। उन्होंने आज तीसरी व आखिरी बार जीत कर आए सदस्यों की बैठक बुलाई थी। किन्नौर जिला परिषद में दस सदस्यों जीत कर आए हैं। इनमें से पांच भाजपा के व चार कांग्रेस के जीत कर आए थे। एक कांग्रेस का बागी भी जीत कर आया था। इस बागी को भाजपा ने अपने खेमे में करने की पूरी कोशिश की थाी लेकिन भाजपा कामयाब नहीं हुई।
परिषद अध्यक्ष के लिए भाजपा की ओर से निहाल सिंह का नामांकन भरा गया जबकि कांग्रेस की ओर से भजिंद्र सिंह को मैदान में उतारा गया। वह कांग्रेस के बागी थे । वह अड गए कि अगर उन्हें अध्यक्ष पद के लिए खडा किया जाता है तो वह भाजपा में नहीं जाएंगे।कांग्रेस ने उन्हें अध्यक्ष पद के लिए खडा कर दिया। दोनों को पांच-पांच मत मिले। बागी कांग्रेसी सदस्य ने कांग्रेस सदस्य को अपना मत दिया। इसके बाद उपाध्यक्ष पद पर भाजपा की बिमला नेगी और कांग्रेस की प्रिया नेगी ने नामाकंन भरा । मतदान के दौरान इन दोनों को भी पांच-पांच मत मिले।
किसी को बहुमत न मिलने पर जिला उपायुक्त ने टास कराया व निहाल सिंह अध्यक्ष व प्रिया नेगी उपाध्यक्ष बन गई।
याद रहे इन दोनों पदों के लिए भाजपा व कांग्रेस में खूब खींचतान चली। इसी खींचतान के चलते चुनावों के लिए बुलाई दो बैठकों में कोई भी जिला परिषद सदस्य नहीं आया। आज आखिरी दिन था। इस बीच भाजपा की ओर से सुरत नेगी ने पूरा जोर लगाया कि कांग्रेस के बागी को अपने खेमे में कर लिया जाए। लेकिन कांग्रेस विधायक जगत सिंह नेगी व बाकियों ने बागी को भाजपा के खेमे में नहीं जाने दिया व भाजपा का पूरी तरह से जिला परिषद पर कब्जा नहीं होने दिया। हालांकि जगत सिंह नेगी चाहते थे कि भजिंद्र सिंह को अध्यक्ष पद के लिए आगे किया जाए लेकिन राजीनीतिक मजबूरियां भी कुछ होती हैं।
(2)