शिमला। कांगड़ा सहकारी बैंक कर्ज मामले में विजलेंस की ओर से 20 करोड़ के कर्ज में घपला करने को लेकर दर्ज एफआइआर में कांग्रेस नेता युद्ध चंद बैंस को प्रदेश हाईकोर्ट ने आखिर में आज नियमित जमानत दे दी हैं।
प्रदेश हाईकोर्ट के जस्टिस राकेश कैंथला ने इस मामले में एक अप्रैल को सुरक्षित रखा अपना फैसला आज सुना दिया।
याद रहे युद्ध चंद बैंस के खिलाफ आठ जनवरी को विजीलेंस ने ऊना में विभिन्न धाराओं के खिलाफ मामला दर्ज किया था। एफआइआर दर्ज होने के तुरंत बाद बैंस ने प्रदेश हाईकोर्ट से अंतरिम जमानत ले ली थी। बैंस जब ऊना विजीलेंस थाने में पूछताछ के लिए गए थे तो उस दिन उन्होंने मुख्यमंत्री सुक्खू और उनकी जुंडली पर तमाम तरह के इल्जाम लगा कर सनसनी फैला दी थी।
उन्होंने इल्जाम लगाया था कि कांग्रेस नेताओं की ये जुंडली उनकी जमीन को कुर्क कराकर इसे प्रियंका गांधी को गिफट करना चाहती हैं। साथ ही उन्होंने लेन देन के इल्जाम भी लगाए थे। बैंस ने दावा किया था कि उनने ये तमाम तथ्य सीबीआइ और ईडी के नोटिस में भी लाए हैं।हालांकि मुख्यमंत्री सुक्खू व उनकी बाकी टोली के खिलाफ सीबीआइ और इडी की ओर से की गई कोई भी कार्रवाई अभी तक सार्वजनिक नहीं हुई हैं।
नौ जनवरी से लेकर एक अप्रैल तक पूछताछ के दौरान विजीलेंस ने अदालत में रपट दी थी कि बैंस ने फर्जी दस्तावेज तैयार किए और कर्ज की रकम को होटल बनाने के लिए नहीं बल्कि अपने बेटे को दे दिए और कहीं और पैसा खुदबुर्द कर दिया।
इसका उनकी ओर से अदालत में पूरा विरोध किया गया। इस बीच उनके बेटे हरीश बैंस ने भी अदालत से अंतरिम जमानत ले ली थी। आज दोनों पिता युद्धचंद बैंस व पुत्र हरीश चंद बैंस को अदालत ने नियमित जमानत दे दी हैं।
सत्यमेव जयते
नियमित जमानत मिलने से खुश युद्धचंद बैंस ने कहा कि ये सत्य की जीत हैं। वो चहके‘सत्यमेव जयते’। उन्होंने कहा इस बुरे वक्त में जिन लोगों ने उनका साथ दिया उनका भी आभार और जिन लोगों ने आलोचना की उनका भी आभार। उन्होंने कहा कि विजीलेंस ने 90 दिनों तक उनको जांच व पूछताछ के साए में रखा।बहरहाल, अब राहत मिली है।
गौर हो कि इस ममले में अभी हाईकोर्ट का फैसला हाईकोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड़ नहीं हुआ हैं।
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