धर्मशाला। टांडा मेडिकल कालेज में आंखं के आपरेशनों के बाद विजन चले जाने के मामले में सरकार ने तीन सदस्य समिति से जांच कराने का एलान किया है। जांच में अगर कोई दोषी पाया जाएगा तो उसके खिलाफ एफआईआर की जाएगी। स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह ठाकुर ने आज वीरवार को तपोवन में सदन में जानकारी दी । उन्होंने कहा इसके लिए इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज के आइ विभाग के प्रमुख व बाकी दो प्रोफेसरों को जांच का जिम्मा सौंपा गया हैं। जांच जो भी दोषी पाया जाएगा उसे बख्शा नहीं जाएगा।
टांडा अस्पताल में १२ तारीख को संजीवन लाल ६५, ख्याति लाल ६५,त्रिलोक ७३,इशा कुमारी ६८ व गीता ६८ के आपरेशन किए गए थे। आपरेशन के पहले आंखों को साफ करने के लिए ट्राइपीन नाक दवा आंखें में डाली गई। इसके बाद आपरेशन किए गए जिनमें से चार रोगियों को घर भेज दिया। जबकि एक रोगी अस्पताल में रहा। इन रोगियों की आंखों में संक्रमण हो गया । जिसकी वहज से दो मरीजों को पीजीआई भेज दिया गया व बाकियों को मारंटा के रोटरी अस्पताल में भेजा गया है। अभी ये कंफर्म नहीं हुआ है कि इनका सबका विजन चला गया है या नहीं। रोशनी जा भी सकती है और नहीं भी।
सरकार ने इसे गंभीरता से लिया हैं और मार्किट से जो दवा इनकी आंखें में डाली गई कि उसे वापस मंगा लिया गया हैं। चूंकि ये दवा निजी केमिसट से ली गई थी अगर दवा निर्माणकर्ता के यहां से संक्रमित पाई गई तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी जाएगी।
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