शिमला।प्रदेश कांग्रेस पर हालीलाज कांग्रेस का दबदबा होता देख प्रदेश कांग्रेस में घमासान मचा हुआ और कमजोर आलाकमान की नब्ज पहचानते हुए पार्टी के नेता एक-दूसरे को निशाने पर लेने से नहीं चूक रहे है। पार्टी में शीत युद्ध चला हुआ है। उपचुनावों में मिली हार के लिए जिम्मेदार पार्टी के नेताओं के खिलाफ भी प्रदेश कांग्रेस पार्टी व आलाकमान कुछ नहीं कर पाया था अब पार्टी में िवद्रोह की स्थिति आ गई है,आलाकमान अभी भी मौन होकर तमाशा देख रहा है।
कांग्रेस पार्टी की प्रदेश प्रभारी रजनी पाटिल कमजोर प्रभारी साबित हुई है। लोकसभा के चुनाव व उपचुननाव कांग्रेस पार्टी उन्हीं के प्रभार के दौरान हारी है।
राज्यसभा सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा के दम पर कुलदीप सिंह राठौर पार्टी के अध्यक्ष तो बन गए लेकिन वह पार्टी पर पकड़ नहीं बना पाए है। अब सब जानते है कि पार्टी हालीलाज कांग्रेस के कब्जे में जा चुकी है। यह सब होता देख कांग्रेस नेताओं ने विद्रोह की राह पकड़ ली है। पहले पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष व पूर्व मंत्री कौल सिंह ने लंच डिप्लोमेसी खेलते हुए कांग्रेसियों को अपने घर बुलाया व विद्रोह का बिगूल फूंक दिया। इसके बाद उनके समर्थकों ने आलाकमान से लेकर प्रियंका गांधी तक को चिटिठयां लिख कर कुलदीप सिंह राठौर को निशाने पर ले लिया।
कुलदीप सिंह राठौर ने बिना कोई समय खोए कौल सिंह समर्थकों को कारण बताओं नोटिस जारी कर दिए । इसके बाद कौल सिंह ने यूटर्न ले लिया है। कौल सिंह वैसे में हालीलाज कांग्रेस के सामने आज तक कभी टिके नहीं है।
अब पूर्व पार्टी अध्यक्ष सुखविदंर सिंह ने कहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष को किसी भी कार्यकर्ता को कोई भी नोटिस देने या पार्टी से बाहर करने का कोई अधिकार ही नहीं है ।
इसके जवाब में कांग्रेस के पूर्व विधायक एवं पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री रंगीला राम राव व पूर्व मुख्य ससंदीय सचिव टेक चंद डोगरा ने पार्टी कहा है कि लगता है कि सुक्खू मानसिक तनाव का शिकार हो गए है। अगर ऐसा नहीं है तो उन्हें अपना कार्यकाल को याद करते हुए कांग्रेस पार्टी के संविधान को फिर से पड़ लेना चाहिए। उन्होंने कहा है कि अपने अध्यक्ष पद के कार्यकाल में जिस प्रकार से उन्होंने उन्हें कांग्रेस पार्टी से बगैर किसी नोटिस, जवाब तलब के बाहर किया था,उस समय उन्होंने कौन सा आधार अपनाया था।
उन्होंने सुक्खू से पूछा है कि वह बताए कि उन्होंने अपने अध्यक्ष के कार्यकाल में पार्टी नेताओं के अतिरिक्त 175 से अधिक कार्यकर्ताओं को पार्टी से किस आधार पर बाहर किया था।यहां तक कि एनएसयूआई के दो अध्यक्षों को भी किस आधार पर पद से हटाया गया था।
कांग्रेस नेताओं ने सुक्खू को आड़े हाथ लेते हुए कहा है कि वह अपनी राजनैतिक महत्वाकांक्षा के चलते प्रदेश में पार्टी को कमजोर करने की नाकाम कोशिश कर रहे हैं।उन्होंने कहा है कि आज देश मे सोनिया गांधी, राहुल गांधी जिस ढंग से पार्टी की मजबूती के लिए काम कर रहें है ठीक उसके विपरीत प्रदेश में कुछ पार्टी नेता अपनी राजनैतिक महत्वाकांक्षा के लिए समांतर बैठके कर प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ अनाप शनाप बयानबाजी कर पार्टी कार्यकर्ताओं के मनोबल को तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं।
राव व डोगरा ने कहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर के नेतृत्व में प्रदेश में कांग्रेस पार्टी मजबूती के साथ आगे बढ़ रही है।आज सब नेता एक मंच पर खड़े है।हाल ही में पार्टी के जनांदोलनों में जिस प्रकार लोगों को भीड़ जुटी है उससे साफ है कि प्रदेश में मजबूत नेतृत्व के साथ लोग खड़े है।ऐसे में प्रदेशाध्यक्ष के खिलाफ कोई भी बयानबाजी सहन नही की जा सकती।इन नेताओं ने प्रदेशाध्यक्ष से साफ कहा है कि पार्टी के भीतर किसी भी प्रकार की अनुशासनहीनता को बर्दाश्त न किया जाए और अगर ऐसा कोई करता है तो उसके खिलाफ नियमों के तहत कड़ी कार्यवाही की जाए वह चाहे किसी भी स्तर का वरिष्ठ नेता या कार्यकर्ता ही क्यों न हो।
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