शिमला। पावर कारपोरेशन के पूर्व चीफ इंजीनियर विमल नेगी की मौत मामले में आरोपी कारपोरेशन के पूर्व एमडी हरिकेश मीणा की जमानत याचिका की सुनवाई करते हुए प्रदेश हाईकोर्ट ने पुलिस को नौ मार्च यानी बुधवार तक उसे गिरफतार न करने के आदेश जारी किए हैं।
पुलिस ने आज भी स्टेटस रपट दायर की जिसे अदालत ने रिकार्ड पर ले लिया।
ये रहा पूरा आदेश-:
Harikesh Meena vs. State of H.P. Cr. MP(M) No.781 of 2025 07.04.2025Present:Mr. N.S. Chandel, Senior Advocate, with Ms. Shwetima Dogra, Advocate, for the applicant. Mr. Mohinder Zharaick and Mr. H.S. Rawat, Additional Advocates General, with Mr. Rohit Sharma, Deputy Advocate General, assisted by Deputy Superintendent of Police and Inspector Manoj Kumar, SHO New Shimla, for the respondent/State. Mr. Rajiv Raj, Mr. Vivekanand, and Mr. Chaman Negi, Advocates, for the complainant.Notice. Mr. Rohit Sharma, learned Deputy Advocate General appears and waives service of notice on behalf of the respondent/State. Status report filed. Be taken on record. List for consideration on 09.04.2025. Till then, Police/Investigating Officer, is directed not to take any coercive action against the applicant qua FIR, in question.(Virender Singh) Judge April 07, 2025 (subhash) |
हरिकेश मीणा ने आज प्रदेश हाईकोर्ट में आज सुबह अपनी जमानत याचिका दायर की थी व इस याचिका पर न्यायाधीश न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह की अदालत में आज सुनवाई हुई। अदालत ने पुलिस को इस मामने में नौ अप्रैल तक मीणा को अरेस्ट न करने का आदेश सुनाया हैं। अदालत ने इस मामले में पुलिस से जवाब दायर करने के लिए नोटिस जारी किया हैं।
इस मामले में शिमला पुलिस की एसआइटी जांच कर रही हैं लेकिन अभी तक किसी को भी गिरफतार नहीं किया गया हैं।
मीणा विमल नेगी मामले में देशराज की तरह ही आरोपी हैं। प्रदेश हाईकोर्ट ने 26 मार्च को देशराज की जमानत याचिका रदद कर दी थी लेकिन पुलिस ने उसे गिरफतार नहीं किया और वो सुप्रीम कोर्ट चला गया। जहां से उसे जमानत मिली हुई हैं। वो बीते दिनों पुलिस जांच में भी शमिल हुआ। उधर,पुलिस सूत्रों के मुताबिक आज मीणा को भी पूछताछ के लिए बुलाया गया था।
याद रहे इस मामले में विमल नेगी के परिजन सरकार पर ढीलमुल जांच करने का इल्जाम लगाते आ रहे हैं। उनका इल्जाम है कि आरोपियों को सुक्खू सरकार ने खुल्लेआम छोड़ रखा हैं।
अब नौ अप्रैल को भी पुलिस को इस मामले में संभवत: अदालत में स्टेटस रपट दायर करनी है।
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