शिमला। जयराम सरकार के सबसे ताकतवर व भारी महकमों से लैस 1990 बैच के आइएएस अधिकारी अतिरिक्त मुख्य सचिव वित ,कार्मिक,पर्यावरण प्रबोध सक्सेना के खिलाफ आइएनएक्स मीडिया मामले में अदालत में चालान पेश होने के बावजूद संदेहास्पद निष्ठाओं वाले अधिकारियों की सूची में शामिल न करने का मामला प्रदेश हाईकोर्ट पहुंच गया हैं। इस बावत दायर अर्जी पर सुनवाई करते हुए प्रदेश हाईकोर्ट ने जयराम सरकार से जवाब मांगा हैं।
इस बावत याचिकाकर्ता की ओर से दायर अर्जी पर मुख्यर न्यायाधीश न्यांयमूर्ति ए ए सईद और न्याायमूर्ति ज्योत्सना रेवाल दुआ की खंडपीठ ने आज इस अर्जी पर सुनवाई की और सरकार से जवाब तलब किया हैं।
याचिका कर्ता ने अपनी अर्जी में कहा है कि आइएनएक्स मीडिया मामले में सीबीआइ ने भारत सरकार से अभियोजन की मंजूरी लेने के बाद सितंबर 2019 मे आरोप पत्र दाखिल कर दिया है। आरोपपत्र दाखिल होने के बाद सक्सेना के खिलाफ सम्मन भी जारी किया जा चुका है और सक्सेना फरवरी 2020 से जमानत पर है।
याचिकाकर्ता ने प्रदेश के गृह विभाग की ओर से 2011 में जारी चिटठी का जिक्र भी किया गया है जिसमें कहा गया है जिस अधिकारी के खिलाफ अदालत में आपराधिक प्रक्रिया लंबित हो उसका नाम संदेहास्पद निष्ठा वाले अधिकारियों की सूची में शामिल किया जाना चाहिए।
याचिकाकर्ता ने कहा कि राज्य सरकार के अधिकारियों ने सक्सेना को लेकर जानकारी छिपाई है व मुख्या सचिव की ओर से संदेहास्पद निषठा वाले अधिकारियों की जो सूची अदालत में पेश की गई है उसमें सक्सेना का नाम जानबूझ कर छिपाया गया है। जबकि मुख्य सचिव को पूरी तरह जानकारी थी कि सक्से्ना के खिलाफ सीबीआइ अदालत में मामला पहुंच चुका हैं। यह अदालत की अवमानना व अदालत में झूठ बोलने का मामला हैं।
याचिकाकर्ता ने कहा कि सक्सेना के पास भारी भरकम व संवेदनशील महकमे है। इसके अलावा उन्हें राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का अध्यक्ष भी लगाया गया है।
याचिकाकर्ता ने कहा कि अब सक्सेना खुद सिविल सर्विस बोर्ड के सदस्य है। ऐसे में यह चिंता का विषय है कि जिस अधिकारी को संदेहास्पाद निष्ठा वालीे अधिकारियों की सूची में होना चाहिए था वह अधिकारियों की पदोन्नतियों व भविष्य का फैसला कर रहा है। याचिकाकर्ता ने कहा कि है कि सरकार को इस मामले में ताजा स्टेटस रिपोर्ट सौंपने के आदेश जारी किए जाए।
इस बावत देर रात तक हाईकोर्ट की वेबसाइट पर कोई आदेश अपलोड नहीं हुआ था। लेकिन हाईकोर्ट की जन सूचना अधिकारी का काम देख रही आशा ठाकुर ने कहा कि महाधिवक्ता ने दो सप्ताह में जवाब देने के लिए समय मांगा हैं। हालांकि महाधिवक्ता ने अशोक शर्मा ने कहा कि यह मामला शायद कल के लिए लगा है । लेकिन हाईकोर्ट की कल के लिए जारी नियमित सूची व पूरक सूची में यह मामला शामिल नहीं हैं। शर्मा ने कहा सक्सेना के खिलाफ सीबीआइ अदालत में चालान पेश हो चुका है लेकिन अभी आरोप निर्धारित नहीं हुए हैं। 350 करोड के कथित आइएनएक्स मीडिया मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिंदबरम लंबे अरसे तक जेल में रह चुके हैं। अब यह मामला दिलचस्पम हो गया हैं।
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