शिमला। पावर कारपोरेशन के दिवंगत चीफ इंजीनियर विमल नेगी की रहस्यमय मौत के मामले में शिमला पुलिस की एफआइआर में मुख्य आरोपी कारपोरेशन के तत्कालीन एमडी आइएएस हरिकेष मीणा की जमानत पर अब पांच जून को सीबीआइ अपना रुख अदालत के सामने पेश करेंगी।
मीणा की अंतरिम जमानत को लेकर आज प्रदेश हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह की अदालत में सुनवाई हुई। चूंकि अब मामला सुक्खू सरकार व शिमला पुलिस के हाथों से निकलकर सीबीआइ के पास पहुंच गया हैं तो अब इस मामले में सीबीआइ की एंट्री हो गई हैं।
प्रदेश सरकार की ओर से अदालत को अवगत कराया गया कि अब ये मामला सीबीआइ के हवाले हो गया है तो ऐसे में उसकी भूमिका इस मामले में नहीं रही हैं।
इस पर अदालत ने सीबीआइ को नोटिस जारी किए । सीबीआइ की ओर से सीबीआइ के वकील जनेश महाजन ने नोटिस लिए । अब सीबीआइ पांच जून को इस मामले में अदालत में स्टेटस रपट दाखिल जाएगी।
उधर, अदालत ने आज हरिकेष मीणा को पहले से मिली अंतरिम जमानत की राहत पांच जून तक बढ़ा दी हैं। याद रहे पिछली सुनवाइयों पर पुलिस मीणा की अंतरिम जमानत को खारिज करने की मांग करती रही थी। लेकिन साथ ही ये भी कहती रही कि मीणा जांच में सहयोग कर रहा हैं। इस मामले में दूसरे आरोपी देश राज सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत ले चुके हैं।
ये रहा आज का आदेश-:
Status report on behalf of respondent No.1, has been filed disclosing therein, that vide judgment dated
23.05.2025, passed by this Court in CWP No.6508 of 2025, the investigation of the present case has been transferred toCBI.
Notice. Mr. Janesh Mahajan, learned counsel,appears and waives service of notice on behalf of the CBI.
Enabling the applicant to move an appropriate application, list on 05.06.2025.
Interim order to continue.
(Virender Singh)
Judge
याद रहे इस मामले में सुक्खू सरकार प्रदेश के डीजीपी अतुल वर्मा, अतिरिक्त मुख्य सचिव वरिष्ठ आइएएस अफसर ओकांर शर्मा और शिमला के एसपी संजीव गांधी पर गाज गिरा चुकी हैं।
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