शिमला। हिमाचल खादय आपूर्ति विभाग के रामपुर में तैनात इंस्पैक्टर के खिलाफ विजीलेंस ब्यूरो ने एक अजीब मामले मे एफआइआर दर्ज की।
इस इंस्पैक्टर पर डयूटी से गैरहाजिर रहने के बावजूद उस समय का वेतन लेने पर सरकार के साथ धोखाधड़ी करने के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 420 के और प्रीवैंशन आफ स्पेफिक क्रप्ट प्रैक्टिस एक्ट की धारा 33 के मामला दर्ज किया हैं। उदार विजीलेंस ब्यूरो ने फिलहाल अभी तक आरोपी को गिरफतार नहीं किया हैं।
इस बावत विजीलेंस ब्यूरों की विशेष जांच यूनिट ने इस मामले में पहले प्रारभिक जांच की । जांच सामने आया कि जब यह इस्पैक्टर रामपुर व आनी में तैनात था उसने अपनी जगह पर सरकारी काम करने के लिए कई मजदूर यानी दिहाड़ी पर लोग तैनात कर रखे थे। ये मजदूर ही इसका तमाम काम देखते थे व कई जगहों पर कागजातों पर दस्तख्त भी वही करते थे।
जबकि इंस्पैक्टर साहब कुल्लू के किसरी गांव में अपनी बेगम के नाम से चल रही आटा मिल को चलाते थे।
इस मामले में ज्यादा विवरण विजीलेंस ब्यूरो देने से इंकार कर रहा है। कितने मजदूर रख रखे थे या कब से रख रखे थे ब्यूरो मुख्यालय ने ये विवरण देने से भी इंकार कर दिया। ब्यूरो के आला अफसरों का कहना है कि आरोपी का नाम उजागर करना ब्यूरो की आधिकारिक नीति में नहीं है। याद रहे जब सीबीआइ इस तरह की एफआइआर दर्ज करती है तो वह नामों को भी उजागर करती हैं।
बहरहाल, इंस्पैक्टर का नाम तो लोग जान ही लेंगे।
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