शिमला। जिला सोलन स्थित नौणी विवि में दर्जनों छात्र एक के बाद एक करके बीमार पड गए और जब बीमारी का पता चला को सबको पीलिया पाया गया। याद रहे 2016 में शिमला शहर में पीलिया फैला था और कई लोगों की मौत भी हो गई थी लेकिन तब के सबक प्रदेश का प्रशासन भूल गया हैं।
अब जब एक के बाद एक करके छात्र पीलिए की चपेट में आए तो जिला प्रशासन व विवि प्रशासन हरकत में आया हैं। अब स्वास्थ्य मंत्री शांडिल ने विवि प्रशासन और जिला प्रशासन ने इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं।जल्द रपट भी मांगी हैं। लेकिन इसके लिए जिम्मेदार सरकारी कारिंदे कानून के शिकंजे में आ पाएंगे यह लगता नहीं हैं।
जब प्रदेश की राजधानी व पर्यटन नगरी शिमला में 2016 में पीलिया फैला था तो मामला हाईकोर्ट तक गया था लेकिन असली गुनहगार तब भी बच गए थे और शायद अब भी बच जाएं।
याद रहे सोलन का नौणी विवि प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री के अपने हल्के में है व उन्हीं के हल्के में पीलिया फैल जाए तो उनकी पकड कितनी है , इससे साफ हैं।
जाहिर है विवि के लिए जहां से पानी की सप्लाई हो रही होगी वहां के पानी के सैंपल तो जरूर ही लिए जा रहे होंगे।फिर इन नमूनों की रपटों के क्या आया होगा। अगर रपटें सही थी तो फिर पीलिया कैसे फैल गया। ये सवाल तो उठेंगे ही।
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