शिमला। मनी लांड्रिंग केस में इडी की पूछताछ का सामना करने के लिए मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह अदालती सुरक्षा के बजाय दैवीय सुरक्षा कवच लेकर अपनी पूरी पलटन संग दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं।
कल वीरवार वो दैवीय सुरक्षा कवच के साथ अभी तक की जानकारी के मुताबिक इडी के सामने पेश होंगे।मुख्यमंत्री सुबह दस बज कर दस मिनट पर शिमला से दिल्ली के लिए रवाना हुए ।उनके साथ अफसरों की टोली व शिमला से कुछ वकील भी दिल्ली गए हैं। उनकी पत्नी व पूर्व कांग्रेस सांसद प्रतिभा सिंह पहले से ही दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। उन्होंने गिरफ्तारी से बचने के लिए अदालत से कोई आदेश नहीं ले रखा हैं। जबकि जब इसी मामले में उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह व पुत्र विक्रमादित्य को पूछताछ के लिए बुलाया गया था तो दिल्ली हाईकोर्ट से उन्हें अरेस्ट न करने का आदेश ले लिया था।
मजे की बात है कि इस मामले में वीरभद्र सिंह की पांच करोड़ की एलआइ्रसी कराने वाले एलआइ्रसी एजेंट आनंद चौहान पिछले नौ महीने से जेल में बंद हैं व दिल्ली हाइ्रकोर्ट उनकी जमानता याचिका को रदद कर चुका हैं।
इडी ने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को पिछले हफ्ते13 तारीख को पूछताछ के लिए बुलाया था।लेकिन वो नहीं गए।पहले दिन उनका दिल्ली जाने का प्रोग्राम तय हो चुका था। लेकिन ऐन समय पर वो सराहन में अपनी कुलदेवी भीमा काली मंदिर चले गए व वहां उन्होंने करीब दो अढाई घंटे तक पूजा अर्चना की। हालांकि अफवाहें तो ऐसी उड़ी थी कि मुख्यमंत्री को ज्योतिषियों व तांत्रिकों ने 13 तारीख को जाने केलिए इंकार किया था व बताया गया था कि आगामी तीन दिनों में खतरा हैं व अरेसट भी हो सकते हैं।ऐसे में भीमाकाली की शरण में जाने की सलाह दी गई थी। तीन काले बकरों की भी उड़ती-उड़ती खबरें मुख्यमंत्री के समर्थक उड़ाते रहें थे।वो अपनी कुल देवी भीमाकाली से सुरक्षा कवच लिए हुए हैैं। कानून के आगे ये कवच कितना कारगर होगा ये देखना हैं।
बहरहाल अफवाहें जो भी हो मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह 13तारीख को इडी के समक्ष पेश नहीं हुए व उन्होंने अपने वकील वहां भेज दिए। ऐसे में इडी ने 20तारीख की डेट दे रखी हैं।अब देखना ये हैं कि कल इडी उनसे लंबी पूछताछ करती हैं या केवल बयान लेकर छोड़ देती हैं।
इसके अलावा इस बात का भी अंदेशा जताया जा रहा हैं कि इडी उन्हें अरेस्ट भी कर सकती हैं। इडी पर दबाव ये है कि उसने मुख्यमंत्री के मुंशी को तो जेल में डाला हुआ हैं लेकिन जिसके पांच करोड़ थे वो राज कर रहा हैं।
उधर बीते दिनों अप्रत्याशित तौर पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मिल आए हैं। राजनीति में अमित शाह धूमल से जूनियर हैं ऐसे में धूमल का मिलना कई क्यासों को जन्म दे रहा हैं। बताते हैं कि धूमल परिवार ने वि�ఀत मंत्री अरुण जेटली को पूरी तरह से आईने में उतारा हुआ हैं। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह नहीं चाहते कि वीरभद्र सिंह को अरेस्ट किया जाए।
प्रधानमंत्री मोदी एक अरसे से मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के मित्र हैं। उधर, वीरभद्र सिंह सरकार ने येाग गुरू बाबा रामदेव का मसला सुलझा कर भी बाबा को आईने में उतारा हुआ हैं। बाबा रामदेव भी प्रधानमंत्री मोदी व अमित शाह के करीबी हैं। बताते हैं कि गिरफ्तारी टालने के लिए कई स्तरों पर काम हो चुका हैं। ऐसे में सीएम वीरभद्र की गिरफ्तारी हो हीजाए ये जरूरी नहीं हैं। इसके अलावा वो किसी राज्य के मुख्यमंत्री भी हैं। उन्हें गिरफ्तार करने पर कई पेचदकियां उभरेगी। ऐसे में धूमल का अमित शाह से मिलना क्या गुल खिलाएगा ये कल पता चल जाएगा। हालांकि धूमल व वीरभद्र सिंह में अंदरखाते तेलमेल हो चुका हैं। लेकिन राजनीति में सब कुछ जायज हैं।
बहरहाल मुख्यमंत्री दिल्ली के लिए अपनी पूरी पलटन अमित पाल,चीफ सेक्रेटरी वीसी फारका,सुभाष आहलुवालिया समेत कई लोगों की टोली रवाना हो गई हैं।
उधर, इस बीच सबसे ज्यादा बैचेन मुख्यमंत्री का विरोधी खेमा हैं। उनकी निगाह इस बात पर है कि अगर इडी ने मुख्यमंत्री को कहीं गिरफ्तार कर ही लिया तो सीएम की कमान किसके हाथ में जाएगी। बस कल तक इंतजार हैं।
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