शिमला।8 जुलाई 2023 को राजधानी शिमला के मालरोड़ के नजदीक हिमाचल रसोई में एलपीजी गैस लीक धमाके के स्थान पर IED व RDX किस दिशा से आया ये हिमाचल की कुंडू व सुक्खू की पुलिस तो पता कर ही नहीं पाई लेकिन देश के अब तक के सबसे ताकतवर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के गृह मंत्रालय और उनकी एजेंसियों भी इसका भंडाफोड़ नहीं कर पाई हैं।
केंद्रीय खुफिया एजेंसी आइबी का प्रदेश में पूरा तामझाम है। जिस दिन धमाका हुआ था उस दिन भी और बाकी दिन भी इस एजेंसी के जासूस रोजाना मालरोड़ पर टहलते ही रहते हैं। जाहिर है शिमला पुलिस की छानबीन की भी इनको जानकारी होगी। टहलते हुए ये जासूस मीडिया वालों को भी मिलते ही रहे थे। लेकिन किसी तरह के IED व RDX की बात को तब भी नकारते ही रहते थे अब भी नकारते हैं। आइबी की रपटें तो गृह मंत्रालय व प्रधानमंत्री कार्यालय तक जाती ही हैं। इन रपटों में इन्होंने कुछ और लिखा होगा तो अलग मसला हैं। अगर इनकी ओर से ऐसी कोई रपट केंद्रीय गृह मंत्रालय को गई होंगी तो पक्के तौर पर इस तरह की जानकारी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से भी साझी की होगी।
इसके अलावा एनएसजी और देश की प्रमुख व पेशेवार जांच एजेंसी एनआइए की जांच टोलियां भी इस धमाके के बाद राजधानी की टोह लेती रही हैं। लेकिन अब तक ये IED व RDX किस दिशा से, किस यान या वाहन में आया व कौन इसे यहां तक लाया इसका पता नहीं लगा पाई हैं।
माना लिया जा सकता है कि प्रदेश की सुक्खू सरकार व प्रदेश की पुलिस पेशेवर तौर पर बहुत ज्यादा सक्षम नहीं है (हालांकि ऐसा दावा करना बेमानी ही है)लेकिन केंद्र की जांच एजेंसियां तो बेहद सक्षम हैं ऐसा भान सभी को है। बावजूद इसके अब तक यह पता नहीं लगना कि इसे यहां कौन लाया। क्या कोई आंतकी संगठन सक्रिय था जिसने इसे यहां पर रख दिया होगा। क्या साजिश थी । किसे मारने के लिए लाया गया था। दीपावली में पटाखे बनाने के लिए तो इसे लाया नहीं जा सकता ।
जाहिर सी बात है कि IED व RDX ऐसी चीज नहीं है जिसे दाल-सब्जी में स्वाद बढा़ने के लिए इस रेस्तरां के मालिक व कुक आदि मसाले के तौर पर इस्तेमाल करते हो। IED व RDX कंस्ट्रक्श्ान से जुड़े ठेकेदारों के पास भी नहीं मिलता हैं।इसके अलावा ये दुकानों में भी नहीं मिलता। ऐसे में ये आया किस दिशा से इसका पता नहीं लगना अपने आप में आश्चर्यजनक हैं।
दूसरा आश्चर्य यह है कि प्रदेश की पुलिस ही नहीं एसएफएल जुन्गा की लैब वाले भी इसे नहीं पकड़ पाए। ये IED व RDX ऐसी चीज भी नहीं है कि जब एनएसजी की टीम नमूने लेने आई हो तो अचानक ये कहीं से प्रगट हो गया हो। तमाम तरह के सवाल अब लोगों के मन उमउ़ने लगे है कि क्या शांत राज्य हिमाचल में IED व RDX एंटर हो गया हैं।
ये IED व RDX नहीं था, इसे खारिज करना भी आसान नहीं हैं क्योंकि इसका दावा देश के सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट में प्रदेश के सबसे बड़े पुलिस अफसर 1989 बैच के आइपीएस और डीजीपी कुंडू ने खुद अपने हलफनामे में किया है। जाहिर है कि जो नमूने हिमाचल रसोई से लिए होंगे उनकी जांच देश की किन्हीं नामी फारेंसिक लैब में ही हुई होंगी।IED व RDX से आदमी के चीथड़े उड़ जाते हैं। बचताा ही कुछ नहीं हैं।
हालांकि इन नमूनों को लेने में क्या प्रक्रिया अपनाई गई हैं ये अभी पता नहीं हैं। हरेक एजेंसी का अपना एक एसओपी है। जाहिर है उसका पालन तो किया ही होगा। लेकिन अब तक किसी का पकड़ा नहीं जाना अपने आप हिमाचल पुलिस ही नहीं केंद्रीय एजेंसियों को भी कटघरे में खड़ा करता हैं।साथ ही किसी का न पकड़ा जाना केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की कौशलता,क्षमता और निष्ठा पर आंच लाने का काम करती । आखिर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है और उससे पहले पांच सालों तक भाजपा की सरकार रही है। ऐसे में सरकार बदलते ही प्रदेश की राजधानी में ही IED व RDX का पाया जाना कमतर बात तो कतई नहीं हैं।अब एनएसजी ,एनआइए, आइबी से ही उम्मीद है कि वो इसका पता लगा कर प्रदेश की जनता के डर को जरूर दूर करेगी।
हालांकि हिमाचल पुलिस के अधिकारी व जवान भी पेशवर व निष्ठावान हैं इस पर कोई शक नहीं है । वो आपस में उलझे हो तो फिर क्या कुछ नहीं हो सकता।
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