शिमला। पूर्व मुख्यदमंत्री वीरभद्र सिंह के लंबे समय तक निजी सुरक्षा अधिकारी रहे और हालीलाज कांग्रेस के सबसे वफादारों में शुमार डीएसपी पदम दास ठाकुर पर मुख्यीमंत्री जयराम ठाकुर ने दिल खोल कर मेहबानी कर डाली है। जयराम ठाकुर सरकार ने आज पदम दास ठाकुर को अगले छह महीने के लिए दोबारा से डीएसपी के पद पर पुनर्रोजगार दे डाला है। हालीलाज के सबसे वफादार पदम एक दिन पहले ही 31 अगस्त को डीएसपी ट्रेफिक, टूरिस्ट एंड रेलवे पुलिस के पद से सेवानिवृत हुए थे। सेवा निवृति के एक दिन बाद ही दोबारा से रोजगार दे दिया है। प्रदेश में 12 लाख से ज्यादा बेरोजगार कतार में खडे हैं। इससे पहले इस तरह के काम करने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह सुर्खियों में रहा करते थे ।
मुख्यि सचिव आर डी धीमान की ओर से वीरवार को जारी आदेशों के मुताबिक पदम को डीएसपी के पद पर 28 फरवरी 2023 तक दोबारा रोजगार दे दिया हैं। जयराम सरकार का कार्याकाल दिसंबर में पूरा हो जाना हैं।
इस नियुक्ति ने जयराम व हालीलाज कांग्रेस के बेहद नजदीकी रिश्तों को अब पूरी तरह से उजागर कर दिया है।कहा तो यह भी जा रहा है कि मुख्य मंत्री ने यह पुनर्रोजगार कांग्रेस विधायक व हालीलाज के राजकुमार विक्रमादित्य् सिंह के डीओ नोट पर दिया है। लेकिन इसकी अभी पुष्टि नहीं हो पाई हैं। सरकार का कोई भी अधिकारी इस बावत जुबान खोलने को राजी नहीं हैं। कहा जा रहा इसके अलावा मुख्यरमंत्री की मित्रमंडली के एक और ताकतवर सदस्यं ने भी पदम की पुनर्रोजागर देने की वकालत की हैं।
दिलचस्प यह है कि जयराम सरकार की विजीलेंस ने पिछले महीने 28 जुलाई को कांगडा सहकारी बैंक में गलत तरीके से नौकरी लेने को लेकर पदम की बेटी के खिलाफ मामला दर्ज किया है। उनकी बेटी अंजलि ठाकुर के खिलाफ विजीलेंस ने धर्मशाला में भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 120 बी और भ्रष्टा चर निरोधक अधिनियम की धारा 12(2) के तहत मामला दर्ज कर रखा है। इस मामले को लेकर एसपी विजीलेंस बलबीर कुमार ने कहा कि जांच के बाद अंजलि के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है और छानबीन चल रही हैं। यहां यह महत्वलपूर्ण है कि इस मामले में उनकी बेटी ने ही वीरभद्र सरकार के दौरान ही तमाम कथित धांधलियां की होगी या अम्मा -बापू का भी कोई रोल रहा होगा। या जयराम सरकार ने धांधलियों का झूठा ही मामला बना दिया होगा।
सूत्रों के मुताबिक पिछले पांच सालों में जयराम सरकार ने पदम को शिमला से बाहर जाने ही नहीं दिया । एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक हालीलाज कांग्रेस के साथ मुख्यमंत्री जयराम के संबंधों के चलते पदम ठाकुर जयराम सरकार के दौरान शिमला में ही रहे। उन्हें टीटी एंड आर में डीएसपी का पद न होने के बावजूद भी यहीं लगाए हुए रखा । अब सेवानिवृति के बाद पुनर्रोजगार दे दिया गया हैं।
दिलचस्प यह है 2017 के चुनावों से पहले पूर्व मुख्य्मंत्री प्रेम कुमार धूमल की कमान में तत्कालीन भाजपा ने कांग्रेस के खिलाफ तैयार तैयार की चार्जशीट में पदम दास ठाकुर और उनके परिवार के सदस्यों को वीरभद्र सिंह की ओर से दिल खोल कर दिए लाभों का ब्योारा दिया गया था। जयराम ठाकुर सरकार ने भाजपा की उस चार्जशीट को भी सरेआम नजरअंदाज कर दिया हैं।
2017 से पहले भाजपा की चार्जशीट का यह हिस्सा
याद रहे 2017 से पहले जब विपक्ष में पूर्व प्रेम कुमार धूमल नेता प्रतिपक्ष थे तो भाजपा ने तत्कालीन वीरभद्र सिंह सरकार के खिलाफ राज्य पाल को चार्जशीट दाखिल की की थी। तब भाजपा के अध्यक्ष सतपाल सिंह सती हुआ करते थे।सती तब कहा करते थे कि भाजपा की सरकार में टायर्ड और रिटायर्ड अधिकारियों का कोई काम नहीं रहेगा। उन्हें घर भेज दिया जाएगा और उन्हें आराम करने दिया जाएगा।
लेकिन पौने पांच साल बाद जयराम ने अपनी ही पार्टी की नीति को ठेंगे पर रख दिया। इस बावत सत्ती ने कहा कि मुख्यमंत्री ने कुछ किया होगा । वह इससे आगे टिप्पणी नहीं कर सकते । एक अन्यी वरिष्ठ भाजपा नेता इस नियुक्ति पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि जयराम कब तक हालीलाज को खुश करते रहेंगे। जो आपका अपना है ही नहीं उसे इस तरह लाभ देने चुनावों से पूर्व जनता व काडर में गलत संदेश जाएगा। अब भाजपा में मुख्य मंत्री के इस फैसले की मुखालफत शुरू हो गई हैं। उधर भाजपा के नेताओं को इस बावत का जवाब देते भी नहीं बन रहा है कि क्या उनकी चार्जशीट में पदम के खिलाफ गलत इल्जाम लगाए थे। क्या भाजपा की चार्जशीट फ्राड थी।
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