शिमला। चुनावी साल होने की वजह से प्रदेश की वीरभद्र सिेंह सरकार की गले का फांस बने हजारों अवैध भवनों को नियमित करने वाले बिल पर राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने साइन नहीं किए है।पिछले सत्र में सरकार ने इस बिल को विधानसभा से पास करवा कर राज्यपाल को साइन करने भेजा था।
लेकिन अभी तक राज्यपाल ने इस पर साइन नहीं किए तो सरकार ने तरकीब निकाली और बिल पर चर्चा कराने का रास्ता निकाला। प्रदेश नगर एवं ग्राम योजना (संशोधन) विधेयक, 2016 पर राज्यपाल आचार्य देवव्रत के साथ चर्चा करने के लिए खुद शहरी मंत्री सुधीर शर्मा ने पहल की व राज्यपाल के साथ बैठक की। सूत्रों केमुताबिक बैठक में गवर्नर ने मंत्री व अफसरों को अपने स्टाइल में हड़काया व निर्देश दिए कि अवैध निर्माण न होने पाए।
हालांकि बीते भाजपा विधायक सुरेश भारदवाज की अगुुवाई में कुछ नेता गवर्नर से मिला व इस बिल को साइन करने का आग्रह किया। गवर्नर को केंद्र की मोदी सरकार ने नियुक्त कर रखा है व प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है। ऐसे में अगर गवर्नर ने इस बिल को साइन नहीं किया तो आगामी विधानसभा में भाजपा को राजनीतिक तौर पर नुकसान हो सकता है।
प्रदेश में अवैध निर्माणों और अवैैध कब्जों को लेकर प्रदेश हाईकोर्ट ने सरकार की नाक में दम कर रखा है। बैठक में सुधीर शर्मा के अलावा अतिरिक्त मुुख्य सचिव टीसीपी मनीषा नंदा,निदेशक टीसीपी संदीप कुमार टीसीपी पलानर सतीश शर्मा ने राज्यपाल को घुटी पिलाने की खूब कोशिश की।
राज्यपाल ने नगर एवं ग्राम योजना (संशोधन) विधेयक, 2016 के बारे में परामर्श दिया कि अधिकारी वर्ग यह सुनिश्चित करे कि भविष्य में अवैध निर्माण न हो क्योंकि भूकम्प की दृष्टि से हमारा राज्य संवेदनशील है। उन्होंने कहा कि बहुमंजिला इमारतें जो भूकम्प कीे दृष्टि तथा संरचनात्मकता से असुरक्षित हैं, उनका संरचनात्मक परीक्षण करना अनिवार्य है। उन्होने हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा समय-समय पर अवैध निर्माणों को नियमित न करने वाले आदेशों का संज्ञान लेने को कहा।
इस बावत सुधीर शर्मा ने राज्यपाल को बताया कि सरकार हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेशों की अवहेलना नहीं कर रही है। उच्च न्यायालय ने रिटेंशन पाॅलिसी न लाने कीे बात की है जबकि विभाग ने हिमाचल प्रदेश नगर एवं ग्राम योजना अधिनियम में संशोधन द्वारा डेवियेशंस को नियमित करने के लिए विधेयक पास किया है और ये एक वर्ष तक ही लागू रहेगा। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु ने इसी तरह के विधेयक पर सर्वोच्च न्यायालय के आदेश तथा हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेशों का हिमाचल प्रदेश सरकार के विधि विभाग ने अवलोकन किया हैउसके बाद ही यह संशोधन लाया गया है।
सुधीर शर्मा को कहना पड़ा कि सभी भवन जों नियमतिकरण के लिए आएंगे उन सभी का संरचनात्मक परीक्षण करवाया जायेगा, जिसके लिए विभाग ने संरचना से जुड़े अभियन्ताओं तथा इससे सम्बन्धित संस्थाओं को पंजीकृत करना शुरू किया है।
मंत्री ने राज्यपाल को यह भी विश्वास दिलाया कि भविष्य में लोग नियमानुसार ही निर्माण करें इसके लिए विभाग ने आनॅनलाईन एप्लिकेशन, आॅनेलाईन ट्रैकिंग तथा बिजली एवं पानी के अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने हेतु प्रावधान कर लिए हैं। इसके अतिरिक्त विभाग ने निज़ी व्यवसायिकों की देखरेख में निर्माण कार्य करने तथा अनुमति प्रदान करने हेतु नीति बनाई है जिसे सरकार ने अनुमोदित कर दिया है।
बावजूद इसके राज्यपाल ने हिमाचल प्रदेश नगर एवं ग्राम योजना (संशोधन) विधेयक, 2016 पर शीघ्र निर्णय लेने का आश्वासन दिया है ।उन्होंने अभी ये भरोसा नहीं दिया कि वो इसे साइन कर ही देंगे।
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