शिमला। भाजपा में शामिल हो चुके आजाद विधायकों हमीरपुर से अशीष शर्मा,नालागढ़ से के एल ठाकुर और देहरा हलके से होशियार सिंह को विधानसभा सचिवालय से नोटिस जारी किया हैं। इस तीनों विधायकों को इस नोटिस में कहा गया है कि सुक्खू सरकार के कुछ मंत्रियों व विधायकों ने उनके इस्तीफे को स्वेच्छिक मामने को लेकर सवाल उठाया हैं।
विधानसभा सचिव की ओर से जारी नोटिस में कहा गया मंत्रियों व कांग्रेस विधायकों ने 27 फरवरी के बाद का हवाला देते हुए दिए एक रिप्रेजेंटेशन में कहा गया है कि 27 फरवरी के बाद इन विधायकों के आचरण से लगता है कि ये इस्तीफे स्वैच्छिक नहीं हैं।
याद रहे कांग्रेस मंत्रियों व विधायकों ने ये रिप्रेजेंटेशन 23 मार्च को दिया गया हैं जबकि आजाद विधायकों ने 22 मार्च को इस्तीफा सौंपा था । इसके बाद वे उड़नखटोले में कहीं को उड़ गए थे।
ऐसे में स्पीकर ने संविधान के अनुच्छेद190 /3(बी) व विधानसभा की नियमावली के नियम 287 के तहत नोटिस जारी कर कहा कि वह दस अप्रैल को स्पीकर के सामने पेश होकर अपना पक्ष रखे ताकि ये तय किया जा सके कि उनके इस्तीफे को मंजूर करना है या नामंजूर। इसके अलावा तीनों आजाद विधायकों से कहा गया है कि वह लिखित में भी अपना पक्ष रख सकते हैं। लेकिन यह पक्ष उन्हें नौ अप्रैल तक स्पीकर के सामने रखना होगा।
उधर,नालागढ़ से आजाद विधायक के एल ठाकुर ने कहा कि अभी उन्हें कोई नोटिस नहीं भेजा हैं। अगर (ई)मेल पर होगा तो वह देखेंगे। ठाकुर ने दावा किया कि उन्होंने इस्तीफा अपनी इच्छा से दिया हैं और अगर इसे मंजूर नहीं किया जाता तो ये गलत होगा। इसके अलावा उन्होंने राज्यसभा चुनावों में भाजपा प्रत्याशी हर्ष महाजन को वोट अपनी अंतरात्मा की आवाज पर दिया हैं। कांग्रेस ने इतने बड़े वकील को खड़ा कर दिया जिससे मिलना भी मुश्किल था। वह आजाद विधायक थे। ये तो उनके इस्तीफे को लटकाने का प्रयास हैं।
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