शिमला। छह साल और उससे कम उम्र की बच्चियों के साथ बलात्कार जैसे घृणित व जघन्य मामलों में आंध्रप्रदेश व राजस्थांन के बाद हिमाचल तीसरे नंबर पर पर आ गया हैं। यह खुलासा राष्ट्री य अपराध रिकार्ड ब्यू्रो (NCRB) की साल 2021 की रिपोर्ट में हुआ हैं। 2021 में प्रदेश में छह साल व उससे कम उम्र की बच्चियों से बलात्काj के दस मामले दर्ज किए गए हैं जबकि इस आयु वर्ग की बच्चियों के साथ बलात्कार के राजस्था न में 18 और आंध्र प्रदेश में 17 मामले दर्ज हुए हैं। इस मामले में पंजाब, हरियाणा जैसे पडोसी राज्य हिमाचल के कहीं आस-पास भी नहीं है। इस तरह के अपराध के मामले में देवभूमि की यह तस्वीर रौंगटें खडी करने वाली है।
रिपोर्ट में यह भी खुलासा किया गया है कि 2021 में छह से 12 साल की उम्र की 21 बच्चियों के साथ बलात्का र के मामले दर्ज हुए हैं जबकि राजस्थांन में 64 और आंध्रप्रदेश में 50 मामले दर्ज किए गए हैं। यहां भी देश में हिमाचल तीसरे नंबर।
जबकि 12 से 16 साल की 93 बच्चियों के साथ बलात्कार के मामले दर्ज किए गए हैं और 16 से 18 साल की भी 93 ही नाबालिगों के साथ बलात्का र के मामले दर्ज हुए हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक 2021 में 217 बच्चियों के साथ बलात्कार के मामले दर्ज किए गए हैं। इस आंकडे ने देवभूमि के सामाजिक व्यंवस्था के तार-तार होने की दास्तां बयां कर दी है जबकि जयराम सरकार में कानून व्यवस्थां की पोल भी खोल कर रख दी हैं। यही नहीं 60 साल व उससे ज्यादा की उम्र की दो महिलाओं के साथ बलात्काार के दो मामले दर्ज हुए हैं।
इसके अलावा 18 से 30 साल उम्र की 85, 30 से 45 साल की 47 और 45 से 60 साल की उम्र की 9 महिलाओं के साथ बलात्का र के मामले दर्ज हुए हैं।
प्रदेश में 2021 में बलात्कार के 360 मामले दर्ज किए गए हैं इनमें से 353 मामलों में आरोपी शिकार महिला के जान पहचान के थे। 45 मामलो में परिवार के ही सदस्य् इस तरह के अपराध को अंजाम देने में शामिल थे। केवल पांच ही मामले ऐसे थे जहां पर आरोपी पीडित का जानने वाला नहीं था या पहचाना नहीं गया है।
देवभूमि में 2021 में महिलाओं के खिलाफ अपराधों के 1599 मामले दर्ज किए गए थे जबकि 2019 में 1636 और 2020 में 1614 मामले दर्ज हुए थे।
रिपोर्ट के मुताबिक महिलाओं के खिलाफ अपराध के इन 1599 मामलों में से जिन मामलो की जांच पूरी कर ली गई उनमें से 257 मामले झूठे पाएं गए हैं 96 मामले गलती या दूसरे विवादों की वजह से दर्ज करवाए गए थे। इन मामलों में से 76.5 फीसद मामलों में आरोपपत्र दाखिल कर दिए गए हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक 492 महिलाओं पर उनकी अस्मिता लूटने की मंशा से हमले किए गए जिनमें से 424 18 साल से ज्या दा उम्र की थी जबिक 68 महिलाएं 18 साल से कम उम्र की थी।
2021 में देवभूमि में महिलाओं के खिलाफ अपराध के जांच के लिए दो हजार मामले लंबित थे इनमें से 401 मामले 2020 व उससे पहले के सालों के लंबित थे। 23 ऐसे मामले सामने आए है जहां आरोप तो सच्चे थे लेकिन पुलिस पर्याप्त सबूत नहीं जुटा पाई। 17 मामलों में आरोपी की मौत हो गई और वो समाप्त हो गए।
रिपोर्ट में कहा गया है कि महिलाओं के खिलाफ अपराध के हिमाचल की अदालतों में पिछले सालों के 8136 मामले लंबित पडे है।इसमें से 1280 मामले जांच पूरी करने के बाद 2021 में अदालतों को भेजे गए हैं। 2021 में 9416 मामले अदालत में लंबित थे। अदालतों में नौ मामलों में समझौता हो गया 45 निरस्त। कर दिए गए। रिपोर्ट के मुताबिक 2021 में पुराने 70 मामलों में सजा हुई ।2021 में केवल दो मामलों में सजा हुई ।एक मामले में आारोपी को आरोपमुक्त कर दिया गया जबकि 266 मामलों में आरोपियों को बरी कर दिया गया। 2021 में 339 मामलों में मुकदमों की सुनवाई पूरी हुई 419 मामले निपटा दिए गए और 8897 मामले लंबित पडे थे। महिलाओं के खिलाफ अपराधों में सजा की दर महज 21.2 फीसद रही थी और 95.6 फीसद मामले अदालतों में लंबित थे। 2021 में बलात्कार के 282 मामलों में सजा भी सुनाई गई हैं। 2021 में तीन मामले सामूहिक बलात्कार के भी दर्ज किए गए ।
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