शिमला।सुक्खू सरकार जब से सत्ता में आई है तभी से प्रदेश के युवाओं के साथ खिलवाड़ करने पर आमदा है। पहले अधीनस्थ सेवाएं चयन बोर्ड हमीरपुर की परीक्षाओं के रिजल्ट निकालने को लेकर आनाकानी की जाती रही। जब दबाव पड़ा तो सरकार आगे बढ़ी।
नया कांड उजागर:-
आज एक नया कांड उजागर हुआ है। ये मामला सरदार पटेल यूनिवर्सिटी मंडी से जुडा़ हुआ है। इस यूनविर्सिटी ने पूर्व की भाजपा की जयराम सरकार में सात सितंबर 2022 में 25 जेओए आइटी के पदो के लिए विज्ञापन निकाला । इस बावत चयन की प्रक्रिया भी शुरू हो गई और जयराम सरकार में 20 अक्तूबर 2022 को ही परीक्षाएं हो गई। इन परीक्षाओं में 7640 युवाओं और युवतियों ने परीक्षा दी थी।
लेकिन बाद में प्रदेश में आचार संहिता लग गई और प्रदेश में सत्ता बदल गई और सुक्खू सरकार सत्तासीन हो गई।इस बीच इस यूनिवर्सिटी में 25 जेओए आइटी के पदों के लिए जो भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई थी उसका रिजल्ट निकालने के लिए सुक्खू सरकार ने पाबंदी लगा दी थी। इस बावत मुख्य सचिव की ओर से 26 दिसंबर 2022 को एक चिटठी लिखी गई थी कि जितनी भी परीक्षाएं हुई है उनके रिजल्ट न निकाले जाए। इनमें अधीनस्थ सेवाएं चयन बोर्ड हमीरपुर की परीक्षाएं भी शामिल थी।
ज्ञात हो कि अधीनस्थ सेवाएं चयन बोर्ड हमीरपुर की परीक्षाओं को तो सुक्खू सरकार जांच के दायरे में ले आई थी लेकिन सरदार पटेल यूनिविर्सिटी मंडी की इन 25 पदों के लिए भर्तियों की चयन प्रक्रिया को कभी भी जांच के दायरे में नहीं लाया गया। लेकिन बावजूद इसके रिजल्ट घोषित करने की मंजूरी सरकार ने कभी नहीं दी।
इस बावत निर्मला देवी व अन्यों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर रिजल्ट घोषित करने की मांग की।
सुनवाई के दौरान यूनिविर्सिटी की ओर से अदालत में बताया गया कि यूनिविर्सिटी ने सरकार को 2022 से लेकर अब तक 16 बार रिजल्ट घोषित करने की मंजूरी देने के लिए चिटिठयां लिखी लेकिन सुक्खू सरकार ने एक बार भी जवाब नहीं दिया।
इस बावत अदालत ने सरकार से भी जवाब मांगा। शिक्षा विभाग के अंडर सेक्रेटरी ने इस बावत शिक्षा सचिव को चिटठी भी लिखी। लेकिन सुक्खू सरकार ने तब भी हाईकोर्ट में जवाब दायर नहीं किया और समय मांगा।लेकिन अदालत ने समय देने से इंकार कर दिया।उधर, यूनिविर्सिटी की ओर से अदालत में कहा गया रिजल्ट तैयार है बस घोषित करने के लिए मंजूरी चाहिए। क्योंकि 26 दिसंबर 2022 की सरकार की चिटठी की वजह से यूनिविर्सिटी रिजल्ट नहीं निकाल पा रही है।
जस्टिस संदीप शर्मा ने आज 15 सितंबर को अपना फैसला सुना दिया । उन्होंने अपने फैसले में साफ किया कि पटेल यूनिविर्सिटी स्वायत संस्था है।ऐसे मे उसे सरकार से मंजूरी लेने की कोई जरूरत नहीं है। अदालत ने यूनिविर्सिटी को आदेश दिया कि वो रिजल्ट घोषित कर दे।
अब इन युवाओं व युवतियों को उम्मीद बंधी है कि उनका रिजल्ट घोषित हो पाएगा लेकिन यहां पर सुक्खू सरकार कटघरे में खड़ी हो गई हैं।आखिर उसने रिजल्ट घोषित करने को मंजूरी क्यों नहीं दी। अगर परीक्षा में कोई गड़बड़ी थी तो उसे समय रहते रदद क्यों नहीं किया या फिर जांच क्यों नहीं चलाई।
सुक्खू सरकार की इस तरह की तमाम करतूतों से जनता के हर वर्ग में रोष है।
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