शिमला।प्रदेश हाईकोर्ट ने आज एक बड़ा आदेश पारित करते हुए हिमाचल भवन दिल्ली मंडी हाउस को अटैच कर दिया है और बिजली कंपनी को हिमाचल भवन को नीलाम कर अपनी करोड़ों रुपए की रकम को वसूलने की छूट दे दी है।
ये आदेश हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल ने आज जारी कर दिए है। ये प्रदेश की सुक्खू सरकार के लिए बहुत बड़ा झटका है। इसके अलावा अदालत ने प्रधान सचिव बिजली को फैक्ट फाइंडिंग जांच कर उन अधिकारियों का पता लगाने के आदेश दिए है जिनकी वजह से बिजली कंपनी की रकम आलत के आदेशों के बाद जमा नहीं हो पाई। अदालत ने कहा है कि जिम्मेदार अधिकारियों का पता लगाया जाए ताकि ब्याज की रकम उनकी जेब से वसूली जा सके।
अदालत ने कहा कि ये जांच 15 दिनों के भीतर पूरी की जाए और मामले की अगली सुनवाई को रपट अदालत में पेश की जाए। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई छह दिंसबर को तय की है।
ये है मामला
प्रदेश हाईकोर्ट ने 13 जनवरी 2023 को सेली हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी बनाम एनर्जी विभाग मामले की सुनवाई करते हुए प्रदेश सरकार को आदेश दिए थे कि वो कंपनी को सात फीसद ब्याज के साथ कंपनी की ओर से जमा कराए गए अप फ्रंट मनी की रकम जो 64 करोड़ है उसे लौटा दें।
लाहुल स्पिति में चिनाब नदी पर बनने वाले 400 मेगावाट के सेली हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट को मोजर बीयर नामक कंपनी को दिया था। लेकिन ये लग नहीं पाया तो मामला व सरकार ने आवंटन को रदद कर दिया। इसके बाद कंपनी हाईकोर्ट में चली गई और अप फ्रंट मनी व बाकी खर्च को लौटाने का आग्रह किया। जस्टिस संदीप शर्मा की अदालत ने कंपनी के पक्ष में फैसला सुनाते हुए अप फ्रंट मनी को सात फीसद ब्याज के साथ लौटाने के लिए सरकार को आदेश दिए थे। ये रकम 64 करोड़ रुपए बनी थी। लेकिन सरकार ने ये रकम जमा नहीं कराई और अब ये रकम ब्याज मनी को जोड़ कर डेढ सौ करोडं के आसपास पहुच गई हैं। हालांकि इस फैसले को लेकर सरकार ने अदालत में चुनौती दे दी है लेकिन अदालत ने कहा कि पहले अप फ्रंट मनी की ये रकम ब्याज समेत हाईकोर्ट की रजिस्ट्री में जमा करा दी ।
बाद कंपनी ने खंडपीठ के समक्ष अपील कर दी तो हाईकोर्ट की खंडपीठ ने सरकार को आर्टिबिट्रेटर की ओर से कंपनी के पक्ष में सुनाए गए फैसले पर ये कह कर स्टे दे दिया था कि ये आदेशस्टे तभी लागू होगा अगर सरकार इस रकम को जमा करा देती है। लेकिन सरकार ने ये रकम जमा नहीं कराई । खंडपीठ ने सरकार को रकम जमा कराने के लिए और समय दे दिया। साथ ही सरकार को आगाह किया अगर सरकार ने रकम जमा नहीं कराई तो ये स्टे हट जाएगा।इसके बाद 15 जुलाई 2024ने रकम जमा न कराने पर इस स्टे को हटा दिया।
अदालत ने कहा कि इस रकम को न लौटाने की वजह से लगातार ब्याज बढ़ रहा है जो कि जनता के खजाने से जाना है, इसलिए ये अदालत हिमाचल भवन को अटैच करने का आदेश देती है और कंपनी अपनी रकम वसूलने के लिए हिमाचल भवन को नीलाम करने की प्रक्रिया शुरू कर सकती है।
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