शिमला। अपनी आशिकाना सीडी से मशहूर हुए प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह ठाकुर की चंडीगढ़ के पीजीआई अस्पताल में आज एंजियोग्राफी की गई है। शुक्रवार को पीजीआई में पीजीआई के डाक्टरों की टीम ने उनकी एंजियोग्राफी की है।पीजीआई सूत्रों के मुताबिक उनकी स्थिति ठीक बताई जा रही है।कौल सिंह ठाकुर को बीती रात को सीने में दर्द होने के बाद उन्हें पीजीआई ले जाया गया ।वह शुक्रवार से चंडीगढ़ थे और वहां कई कुछ किया जा रहा था।
कौल सिंह की सीडी निकलने के बाद उन्होंने सीडी के बाजार में उतरने के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और उनके एक सेनापति आईपीएस आईजी आनंद प्रताप सिंह को जिम्मेदार ठहराया था।वो खुल के वीरभद्र सिंह के खिलाफ मैदान में उतर गए थे।सीडी कांड के सामने आने के बाद उनकी सीएम के साथ कोई बातचीत नहीं हुई थी। बताया जा रहा है कि सीएम की ओर से शहरी विकास मंत्री सुधीर शर्मा को उनके पास भेजा गया था। उसी के बाद कौल सिंह अस्पताल में भर्ती हुए है। बताते है कौल सिंह की ये सीडी आलाकमान के पास पहुंच चुकी है और आलाकमान ने इस पर रिपोर्ट भी तलब किया है।
उनके पीजीआई में भर्ती होने के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म है।
उधर, सीडी कांड को बाजार में लाने के पीछे सीएम कार्यालय के एक अफसर इस सीडी के पीछे ठेकेदार के विरोधी का हाथ मान रहे है तो सचिवालय का एक जिम्मेदार अफसर का मानना है कि सीएम के करीबी नेताओं का काम है। उधर,सीएम कार्यालय के अफसरों के माने तो आईपीएस अफसर एपी सिंह भी अपना नाम सीडी के पीछे आने से परेशान है।
उधर, डीजीपी कार्यालय के मुताबिक सीडी के बाजार में उतरने के पीछे का पता लगाने के लिए सीआईडी सैल को जांच दे दी गई है। लेकिन अब कौल सिंह के अस्पताल में दाखिल होने के बाद स्थिति बदल गई है। कहा जा रहा है कि भाजपा नेता व पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल कौल सिंह के साथ्ा मिलकर सरकार को संकट में डालने का काम कर सकते है । कौल सिंह की जो सीडी बाजार में उतरी है वो धूमल के शासनकाल में रिकार्ड हुई थी।
अब अगर फोन टेंपिंग की जांच का सिलसिला दोबारा शुरू हो जाए को आश्चर्य नहीं होना चाहिए।
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