शिमला।हिमाचल प्रदेश के कर्मचारियों की रिटायरमेंट की उम्र 60 साल करने के मामला केबिनेट में ले जाया जाएगा।ये एलान मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ की संयुक्त सलाहकार समिति की बैठक में किया । उन्होंने साथ ही कहा कि इसके अलावा 4-9-14 के मामले को भी केबिनेट में ले जाया जाएगा। इस मौके पर सीएम ने कर्मचारियों को पहली जुलाई 2016 से देय मंहगाई भत्ते के अलावा राजधानी भत्ता और जनजातीय भत्ता बढ़ाने की भी घोषणाएं की।
इस मौके पर चीफ सेक्रेटरी वी.सी. फारका ने बैठक में मद्वार एजेंडा पर चर्चा करते हुए विशेषकर ग्रेड पे में विसंगति के मामलों को सम्बन्धित विभागीय सचिवों के माध्यम से भेजने को कहा। उन्होंने कहा कि इसकी उपयुक्त जांच कर समाधान किया जाएगा। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की पदोन्नति में 10 जमा दो की शैक्षणिक योग्यता में छूट तथा इस श्रेणी से लिपिक के पद भरने में एक मुश्त छूट के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि इस पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर शीघ्र ही निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा हालांकि राज्य सरकार ने गत चार वर्षों के दौरान विभिन्न विभागों में हजारों पदों पर भर्तियां की हैं और यदि कोई अति आवश्यकता के क्रियाशील पद रिक्त हैं, तो उनका प्रस्ताव सरकार को भेजा जाए।
फारका ने सभी विभागों को पदोन्नति के मामलों का शीघ्र निपटारा करने के निर्देश दिए ताकि कर्मचारी को समय पर लाभ मिल सके। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि भर्ती एवं पदोन्नति नियम विभाग की सम्बन्धित एसोसिएशन की सहमति से तैयार किए जाने चाहिए। उन्होंने विभागीय कार्यवाही तथा विभागीय जांच के लम्बित मामलों का प्राथमिकता के आधार पर निपटारा करने के निर्देश दिए। उन्होंने इन सभी मामलों में रिपोर्ट हर महीने सरकार को प्रस्तुत करने को कहा।
कुछ विभागों में लम्बित चिकित्सा/यात्रा भत्ता दावों पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि हाल ही में पेंशनरों के चिकित्सा प्रतिपूर्ति के लिए पांच करोड़ रुपये की राशि जारी की गई हैं और उन्होंने इस तरह के अन्य मामलों में अनुपूरक मांग प्रस्तुत करने को कहा। उन्होंने बागवानी विस्तार अधिकारियों को कृषि विस्तार अधिकारियों के बराबर ग्रेड पे प्रदान करने के मामले पर निर्णय लेने का आश्वासन भी दिया।
शिमला के एसडीए परिसर में सार्वजनिक शौचालयों के निर्माण की मांग पर मुख्य सचिव ने मामला नगर निगम शिमला से उठाया जाएगा। कर्मचारियों के लिए आवासीय क्वाटरों के निर्माण की मांग पर उन्होंने कहा कि सरकार कर्मचारियों को आवासीय सुविधा प्रदान करने तथा मौजूदा आवासों की मुरम्मत की दिशा में ठोस प्रयास कर रही है। उन्होंने इस सम्बन्ध में मामला विशेष प्रस्तुत करने को कहा तथा आश्वासन दिया कि इसके लिए उचित धनराशि उपलब्ध करवाई जाएगी।
शिक्षा विभाग में अधीक्षक वर्ग-एक के 117 पदों की बहाली तथा उच्च शिक्षा व प्रारम्भिक शिक्षा विभागों में संयुक्त मिनिस्ट्रियल कैडर के मुद्दे पर मुख्य सचिव ने इस मुद्दे का स्थायी समाधान करने का आश्वासन दिया, जिसके लिए उन्होंने विभाग को ठोस प्रस्ताव भेजने को कहा।
मुख्य सचिव ने सभी विभागों को नियमित तौर पर संयुक्त सलाहकार समिति की बैठक का आयोजन करने तथा इसकी रिपोर्ट उन्हें भेजने के निर्देश दिये।
इस मौके पर हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष एस.एस. जोगटा ने मुख्यमंत्री का कर्मचारियों को विभिन्न सुविधाएं प्रदान करने तथा उनकी सभी मांगों को पूरा करने के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि श्री वीरभद्र सिंह हमेशा ही कर्मचारियों के सदैव ही हितैषी रहे हैं और उनके नेतृत्व में कर्मचारियों के हित सुरक्षित हैं।
महासंघ के महासचिव गोपाल शर्मा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष ज्ञान सिंह ठाकुर, त्रिलोक ठाकुर, राजीव ठाकुर तथा महासंघ के अन्य पदाधिकारियों ने भी विभिन्न मुद्दोंं पर परिचर्चा में भाग लिया।
अतिरिक्त मुख्य सचिव तरूण श्रीधर, डॉ. श्रीकांत बाल्दी व नरेन्द्र चौहान, प्रधान सचिव तरूण कपूर, विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्षों सहित विभिन्न विभागों की जिला स्तरीय अराजपत्रित कर्मचारी एसोसियेशनों के पदाधिकारियों ने भी बैठक में भाग लिया।
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