शिमला। प्रदेश कांग्रेस पार्टी की ओर से घोषित जंबों कार्यकारिणी में हालीलाज कांग्रेस का वर्चस्व है वहीं कार्यकारिणी में नेता पुत्रों व परिवारवाद की भरमार है। यही नहीं धर्मशाला उपचुनावों में कांग्रेस प्रत्याशी की ओर से पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा पर पार्टी गतिविधियों में शामिल रहने के इल्जाम लगाए जाने के बाद उनके खिलाफ कोई कार्यवाही करने के बजाय उन्हे कार्यकारी समिति क ा सदस्य नियुक्त किया गया हैँ। हाली लाज कांग्रेस में वीरभद्र सिंह, उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह और पुत्र विक्रमादित्य सिंह को कार्यकारिणी में जगह दी गई है। इस परिवार में केवल विक्रमादित्य सिंह की ही पत्नी बची है जिन्हें कांग्रेस पार्टी में कोई पद नहीं दिया गया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा के चहेतों को भी कार्यकारिणी में जगह मिली है।
कांग्रेस में कार्यकारिणी में वर्चस्व स्थपित करने के लिए एक अरसे से घमासान मचा हुआ था। जिसकी झलक घोषित कार्यकारिणी में साफ देखी जा रही है।
बीती देर रात को पाटी के राष्टÑीय महासचिव के सी वेनुगोपाल की ओर से 13 संगठनात्मक जिलों के अध्यक्षों समेत 197 पदाधिकारियों की कार्यकारिणी घोषित की गई है।
पार्टी में महासिचव के पदों पर नेता पुत्रों की एक बार फिर ताजपोशी हुई है। पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के पुत्र विक्रमादित्य सिंह, पूर्व कंद्रीय मंत्री सुखराम के पोते आश्रय शर्मा, पूर्व मंत्री गुरुमुख सिंह बाली के पुत्र रघुुबीर सिंह बाली , पूर्व सांसद के डी सुल्तानपुरी के पुत्र विनोद सुल्तान पुरी, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष बीबीएल बुटेल के पुत्र आशीष बुटेल को महासिचव की कुर्सी देकर नवाजा गया है। महासचिवों में हालीलाज कांग्रेस का वर्चस्व है। इनमें विधायक जगत सिंह नेगी, रजनीश किमटा, विक्रमादित्य सिंह, इंद्रदत लखनपाल,केवल सिंह पठानिया,मोहन लाल ब्राक्टा, आशीष बुटेल, चंद्र प्रभा नेगी ,महेश्वर चौहान और चेतराम ठाकुर वीरभद्र सिंह के बेहद करीबी है। इसके कांग्रेस पार्टी ने 19 महासचिवों में से केवल दो महिलाओं चंद्र प्रभा नेगी और सुमन वर्मा को महासचिव बनाया है बाकी पदों पर पुरूषों का वर्चस्व है।
इसी तरह 19 उपाध्यक्षों में भी हालीलाज कांग्रेस का वर्चस्व है। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गंगूराम मुसाफिर,पूर्वसांसद चंद्र कुमार, पूर्व मंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी, पूर्व मंत्री हर्ष महाजन,विधायक पवन काजल,नंद लाल , विनय कुमार, राजेंद्र राणा,सुंदर सिंह ठाकुर, रामकुमार, कैलाश पराशर, केहर सिंह खाची वीरेंद्र धर्माणी और गीता नेगी हालीलाज कांग्रेस के बेहद करीबी है। राम लाल ठाकुर व हर्षवर्धन चौहान भी कभी हालीलाज कांग्रेस के नजदीक रहा करते थे। लेकन इन दिनों कुछ दूरी बनाए हुए है।
कोषाध्यक्ष के पद पर कांगड़ा के देहरा से कर्ण सिंह पठानिया को बिठाया गया है। कांग्रेस पार्टी ने रिकार्ड 69 सचिव बनाए है। इनमें कुल्लू से कांग्रेस विधायक रहे राजकिशन गौड़ के पुत्र भुवनेश्वर गौड़ और पूर्व मंत्री कर्ण सिंह के पुत्र आदित्य विक्रम सिंह, पूर्व सांसद चंद्रेश कुमारी के पुत्र आश्रय कटोच और पूर्व मंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी के पुत्र अमित भरमौरी व रामलाल ठाकुर के पुत्र विकास ठाकुर को भी सचिव की कुर्सी पर बिठाया गया है। पार्टी ने नेता पुत्रों को ओहदे देने में कहीं कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है। 69 सचिवों में कुल सात महिलाएं सचिव है। बाकी पर पुरूषों का कब्जा है। इसके अलावा 44 कार्यकारिणी समिति के सदस्यों में महिलाएं केवल पांच ही है।
इस जंबों कार्यकारिणी में कांग्रेस में एक व्यक्ति एक पद के सिद्वांत को भी दरकिनार कर दिया गया है। जजो भी है अब कांग्रेस पार्टी की कार्यकारिणी तो बन ही गई है। अन्यथा अब तक कुलदीप सिंह राठौर अकेले ही अध्यक्ष होकर पार्टी को चला रहे थे। लेकिन जिस आमूलचूल परिवर्तन की उम्मीद लगाई जा रही थी वैसा कुछ नहीं हुआ है।
दरबारी रंग बरकरार
2014 के बाद लगातार हार का सामना कर रही कांग्रेस पार्टी खुद से दरबारी रंग का चोला छोड़ने को तैयार नहीं है।
कांग्रेस में अभी भी पुरानी बयार चल रही है। कार्यकर्ताओं के लिए पहले नेता पुत्रों के यहा दरबार लगेगा,उसके बाद नेता के दरबार हाजिरी लगेगी। सात साल से लगातार कांग्रेस कार्यालय में काम देख रहे एक पदाधिकारी ने कहा कि जिन्होंने पार्टी के लिए जिंदगी लगा दी उनके लिए कुछ नहीं है।
पहले कार्यकर्ता व आम कांग्रेसी वीरभद्र, बाली, रामलाल जैसे खांटी कांग्रेसियों के दरबार में हाजिरी भरेंगे उसके बाद इनके पुत्रों की आरती करेंगे। अगर सरकार आ गई तो काम केवल दरबारियों के होंगे बाकियों की पूछ आज तक नहीं होती रही है तो आगे क्या होगी।
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