शिमला।प्रदेश की कांग्रेस की सुखविंद्र सिंह सुक्खू सरकार के दो मंत्रियों राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी, शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर और मुख्य संसदीय सचिव राम कुमार चौधरी ने रसोई गैस की कीमतों में वृद्धि करने पर केन्द्र की भाजपा सरकार पर आम लोगों की जेबों पर हाथ डालने के संगीन इल्जाम लगाया हैं। उन्होंने कहा कि तीन राज्यों त्रिपुरा, मेघालय और नागालैंड में चुनाव होने के बाद मोदी सरकार ने घरेलू सिलेंडर की कीमत में 50 रुपये और वाणिज्यिक सिलेंडर की कीमत में 350 रुपये की बढ़ोतरी कर गरीब जनता की जेब पूरी तरह से खाली करने का इंतजाम कर दिया हैं। जनता को एक तरह से ये तोहफा दे दिया हैं।
उन्होंने कहा कि 2014 में यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत 410 रुपये थी जिसके लिए अब होम डिलीवरी के बाद उपभोक्ताओं को 1200 रुपये से अधिक की राशि अदा करनी होगी। इसके अलावा वाणिज्यिक सिलेंडर के लिए लगभग 2300 रुपये की अदायगी करनी होगी।
मंत्री जगत सिंह नेगी, शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर और मुख्य संसदीय सचिव राम कुमार चौधरी ने कहा कि 14.2 किलोग्राम घरेलू रसोई गैस सिलेंडर की कीमत मई 2020 में 744 रुपये से बढ़कर जुलाई 2022 तक 1053 रुपये हो गई। इस अवधि में घरेलू सिलेंडर की कीमत में लगभग 41.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। जनवरी माह में वाणिज्यिक सिलेंडर की कीमत में 25 रुपये की बढ़ोतरी की गई।
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने घरेलू और वाणिज्यिक दोनों श्रेणियों के एलपीजी सिलेंडरों के दाम में भारी बढ़ोतरी कर पहले से ही महंगाई की मार झेल रही जनता के हितों पर कुठाराघात किया है। उन्होंने कहा कि भाजपा के केंद्रीय नेता हर बार ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी को घरेलू गैस की कीमतों में बढ़ोतरी का कारण बताते हैंए लेकिन हैरानी की बात यह है कि जब एविएशन टर्बाइन फ्यूल यानी एटीएफ की कीमत में 4 फीसदी की कटौती की गई और उसके हिसाब से जेट ईंधन की दरें भी 4606.50 प्रति दर किलोलीटर की दर से घटाई गई हैं तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार कुछ व्यापारिक घरानों को लाभ पहुंचाने के लिए ही एलपीजी की दरों में वृद्धि कर रही है।
उन्होंने कहा कि एलपीजी के दामों में बढ़ोतरी कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार ने देश के लोगों को शायद होली और नवरात्र में महंगाई का तोहफा दिया है। जैसे ही तीन उत्तर पूर्वी राज्यों में मतदान सम्पन्न हुआए घरेलू रसोई गैस की कीमतें भी बढ़ गईं। वर्ष 2014 के बाद से यह चार गुणा वृद्धि है।
उन्होंने कहा कि उज्जवला योजना के लाभार्थी भी अब योजना से तौबा कर गैस सिलेंडर का रिफिल लेने से परहेज कर रहे हैं।
मंत्रियों ने कहा कि रसोई गैस की कीमतों में वृद्धि से राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएं सबसे ज्यादा प्रभावित हुई हैं क्योंकि अब उन्हें पुनः धुएं भरे चूल्हों में ही खाना पकाना पड़ रहा है।
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